नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट में आज शुक्रवार 22 अगस्त को नैनीताल जिला पंचायत सदस्यों के कथित अपहरण मामले में स्वतः संज्ञान लेने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई की. आज कोर्ट ने डीजीपी दीपम सेठ, गृह सचिव और डीएम नैनीताल वंदना सिंह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुए. वहीं नैनीताल एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा व्यक्तिगत रूप से पेश हुए. कोर्ट ने गृह सचिव व डीजीपी से पूछा कि आखिर प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था क्यों चरमरा गई?
गन कल्चर से हमें बाहर आना चाहिए: हाईकोर्ट ने नैनीताल में चुनाव के दिन जिला पंचायत सदस्यों के कथित अपहरण, बेतालघाट में चुनाव के दिन सरेआम फायरिंग, उधम सिंह नगर में हत्या और काशीपुर में 9वीं क्लास के छात्र द्वारा शिक्षक को गोली मारने जैसे मामलों को जिक्र करते हुए कहा कि आखिर हमारा समाज किस दिशा की ओर जा रहा है? गन कल्चर से हमें बाहर आना चाहिए.
कोर्ट के निर्देश पर नहीं हुआ अमल: कोर्ट ने कहा कि हमने अपहरण के वीडियो भी देखे जिसमे कहा गया कि नैनीताल को हिला डाला. यह सुरक्षित नहीं है, जबकि साल 2019 में कोर्ट ने इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए थे, लेकिन उस पर अधिकारियों ने कोई अमल नहीं किया.
कोर्ट ने मांगा विस्तृत प्लान: कोर्ट ने वर्चुअली मौजूद डीजीपी दीपम सेठ और सचिव गृह शैलेश बगौली से प्रदेश में चल रहे गन कल्चर, निर्वाचित सदस्यों की सुरक्षा और अवैध खनन को रोकने के लिए दो सप्ताह में विस्तृत प्लान पेश करने को कहा है. खंडपीठ ने अगली सुनवाई 12 सितंबर के लिए तय की है.
कोर्ट ने अवैध तमंचे की तस्करी पर डीजीपी से सवाल करते हुए कहा कि अगर उन्हें जड़ से नहीं पकड़ा जाएगा तो वो वे अवैध हथियारों को बेचते ही रहेंगे. जैसे नशे का काम करने वाले एक आरोपी के पकड़े जाने पर दूसरे से काम शुरू करवा देते हैं. सप्लायर को पकड़ों, इससे अवैध हथियार बेचने वालों और सप्लाई करने वालों पर रोक लग जाएगी.
कोर्ट ने कहा कि फैक्ट्री को पकड़ों, अगर वो बन्द होगी तो सब कुछ ठीक हो जाएगा. अगर लोकल पुलिस नियमित चेकिंग कर रही होती तो 9वीं क्लास के बच्चे के पास तमंचा नहीं होता. जबकि उसका पिता आरोपी है. उसको पकड़ते वक्त घर की तलाशी क्यों नहीं ली गयी? इस पर एक डिटेल एसओपी पेश करें. हर महीने रेगुलर पुलिस उसकी जांच करें.
कोर्ट ने पूछा कि आर्म्स कल्चर और ऐसी घटनाओं को कैसे रोकोगे? खनन में व्यवस्था फेल, चुनाव कराने में किसी की सुरक्षा नहीं, अब स्कूल में शिक्षक सुरक्षित नहीं. प्रदेश में दूसरे राज्य के खनन माफिया सक्रिय. ये सब चिंतनीय विषय है. इसको रोकने के लिए दो सप्ताह के भीतर एसओपी पेश करें.
वर्चुअली रूप से जुड़े डीजीपी दीपम सेठ ने कोर्ट को अवगत कराया कि काशीपुर मामले में छात्र के पिता हत्यारोपी हैं और पैरोल पर हैं. पिता और पुत्र को गिरफ्तार कर लिया गया है. बेटे को तमंचा कैसे मिला इसकी जांच हो रही है. उनके द्वारा यह भी बताया कि प्रदेश में कुल 4415 शस्त्र लाइसेंस हैं. पुलिस ने अवैध तमंचों के खिलाफ 3 वर्ष के भीतर 1550 केस दर्ज किए हैं. कुल 1700 लोगों से 3000 शस्त्र जब्त किए हैं. कई के शस्त्र लाइसेंस निरस्त भी किए हैं. सोशल मीडिया में तमंचों के साथ वीडियो डालने वाले 73 केसों में 12 लोगों को गिरफ्तार भी किया है.
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