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आपदा की 'आफत' में फंसा उत्तरकाशी, पहले धराली अब स्यानाचट्टी, जानिये क्यों खास हैं ये स्थान


देहरादून: उत्तराखंड का उत्तरकाशी जिला पिछले कुछ समय से देश दुनिया की सुर्खियों में है. अभी कुछ ही समय गुजरा है जब उत्तरकाशी के सिलक्यारा पर एकाएक दुनियाभर की निगाहें टिक गई थीं. 12 नवंबर 2023 को यहां बन रही टनल में 41 मजदूर फंस गए थे जिनको देश के सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद 17 दिन बाद सुरक्षित निकाला गया था. वहीं, अब धराली और स्यानाचट्टी के कारण उत्तरकाशी फिर चर्चाओं में है.

उत्तरकाशी…पहाड़ी राज्य उत्तराखंड का केवल एक जिला नहीं है, बल्कि चीन के साथ अहम अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर भी साझा करता है. यहां नेलांग घाटी और जादुंग गांव भारत-चीन सीमा पर स्थित हैं.यही नहीं, चारधाम यात्रा के दो अहम धामों भी यहीं स्थित हैं. मां गंगा को समर्पित गंगोत्री धाम और मां यमुना का यमुनोत्री धाम उत्तरकाशी जिले में है. इस कारण उत्तरकाशी जिले के कई स्थान चारधाम यात्रा मार्ग के मुख्य पड़ाव हैं. आज यही उत्तरकाशी जिला आपदा की मार झेल रहा है. पहले धराली आपदा ने जमकर कहर मचाया. इसके बाद अब आसमान से बरसी आफत से लोगों का जीना मुहाल हो गया है.

स्यानाचट्टी में बनी झील: यमुना घाटी के स्यानाचट्टी में गढ़गाड़ में मलबा आने से यमुना नदी में झील बन गई. जिससे यमुना का प्रवाह रुक गया. इस कारण स्यानाचट्टी कस्बे का ज्यादातर हिस्सा जलमग्न हो गया. यहां के मकान, दुकानें, होटल के साथ ही स्कूल पानी में डूबे हुए हैं. यहीं नहीं, यमुनोत्री हाईवे को जोड़ने वाला मोटर पुल भी डूब चुका है.

जिला प्रशासन ने स्यानाचट्टी के आसपास के घरों और होटलों को खाली करा लिया है. स्थानीय लोगों को भी सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया गया है. जिला प्रशासन इस इलाके के लिए भोजन, राशन, रसोई गैस, दवाइयों के साथ ही पेट्रोल व डीजल समेत अन्य जरूरी सामानों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं.

उत्तरकाशी में चट्टियों की ऋंखला: उत्तरकाशी में जमुनाचट्टी, स्यानाचट्टी, रानाचट्टी, हनुमानचट्टी, नारदचट्टी, फूलचट्टी कृष्णाचट्टी, जानकीचट्टी हैं. ये सभी चारधाम यात्रा मार्ग पर पड़ते हैं. इन मार्गों पर अक्सर लैंडस्लाइड की खबरें आती हैं. बारिश के कारण कई बार नदियां भी उफान पर आ जाती हैं, जिसके कारण कई बार जनहानि भी हो जाती है. चारधाम यात्रा से जुड़े होने के कारण यहां की खबरें हमेशा सुर्खियों में रहती हैं.

क्यों खास हैं ये दोनों स्थान: धराली और स्यानचट्टी ये दोनों ही स्थान इन दिनों आसमान से बरसी आफत के कारण अस्त व्यस्त हैं. जल’प्रलय’ के कारण यहां का जन जीवन पूरी तरह से पटरी से उतर गया है. इन दोनों जगहों के आपदाग्रस्त होने से उत्तरकाशी जिले की आर्थिकी को भी बड़ा नुकसान हुआ है. दरअसल, ये दोनों ही स्थान चारधाम यात्रा मार्ग पर आते हैं. इन दोनों ही स्थानों पर हुई कोई भी छोटी बड़ी घटना यहां आने वाले पर्यटकों पर सीधा असर डालती है.

चारधाम यात्रा का रूट होने के कारण ये अपने आप में खास हो जाते हैं. इसके साथ ही इन स्थानों पर अपना धार्मिक महत्व भी है. धराली महाभारत काल के कल्प केदार मंदिर के लिए जाना जाता है तो वहीं जमुनाचट्टी, स्यानाचट्टी, रानाचट्टी को यमुना नदी से जोड़कर देखा जाता है. इससे जुड़े गलियारे में मौजूद चट्टियां हनुमानचट्टी, नारदचट्टी, फूलचट्टी, कृष्णाचट्टी, जानकीचट्टी का भी अलग अलग महत्व है, जिससे चारधाम में आने वाले यात्री रूबरू होते हैं, मगर इन दिनों उत्तरकाशी जिला बारिश की मार झेल रहा है. जिससे इन स्थानों पर काफी नुकसान हुआ है.

इसी महीने में दूसरी बार उत्तरकाशी चर्चाओं में है. इससे पहले 5 अगस्त 2015 को धराली की खबरों ने देश दुनिया में सुर्खियां बटोरी थी. धराली में आज भी रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. ये रेस्क्यू ऑपरेशन भी बारिश के कारण बाधित हो रहा है. धराली में आज भी सेना एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस के साथ जिला प्रशासन की टीमें यहीं लगी हैं.

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