नई दिल्ली: विपक्षी दलों के हंगामे के बीच, गुरुवार को अनिश्चितकाल (Sine Die) के लिए स्थगित होने से पहले, संसद के एक महीने लंबे मॉनसून सत्र में लोकसभा और राज्यसभा ने कुल 26 विधेयक पारित किए.
एक महीने लंबे सत्र के दौरान लोकसभा ने 12 और राज्यसभा ने 14 विधेयक पारित किए. इसमें विपक्षी सांसदों द्वारा बार-बार व्यवधान, स्थगन और बहिर्गमन देखा गया.
ऑपरेशन सिंदूर पर दोनों सदनों में 16 घंटे तक चली चर्चा को छोड़कर, 21 जुलाई को शुरू हुए सत्र में बार-बार व्यवधान और स्थगन के कारण बहुत कम कामकाज हुआ है.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मॉनसून सत्र में संसद की केवल 37 घंटे की उत्पादकता पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने विपक्ष पर सुनियोजित हंगामे और विघटनकारी राजनीति का आरोप लगाया.
बिरला ने अपने समापन भाषण में कहा, “सत्र में 419 तारांकित प्रश्न शामिल किए गए. वहीं लगातार व्यवधानों के कारण केवल 55 मौखिक प्रश्नों के उत्तर दिए गए. सत्र की शुरुआत में, कार्य मंत्रणा समिति ने सामूहिक रूप से 120 घंटे की चर्चा का निर्णय लिया था, लेकिन लगातार व्यवधानों के कारण, केवल 37 घंटे ही उत्पादकता रही.”
बिरला ने खेद व्यक्त किया कि पूरे सत्र के दौरान कार्यवाही को बार-बार बाधित करने का प्रयास किया गया. लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि यह सभी के लिए आत्मनिरीक्षण का समय है, क्योंकि महीने भर के सत्र के दौरान ज़्यादा चर्चा नहीं हो सकी. राज्यसभा में भी यही स्थिति देखी गई.
विपक्ष बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभ्यास पर चर्चा की मांग कर रहा है. दिलचस्प बात यह है कि मानसून सत्र में संसद द्वारा भारत के समुद्री क्षेत्र से संबंधित पांच महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए गए हैं.
केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने नई दिल्ली में ईटीवी भारत से कहा, “यह मॉनसून सत्र ऐतिहासिक रहा. इसमें भारत के समुद्री क्षेत्र से संबंधित 5 महत्वपूर्ण विधेयक पारित हुए. ये विधेयक 2047 तक “विकसित भारत” के हमारे मिशन को साकार करने का मार्ग प्रशस्त करेंगे.”
विपक्षी दलों द्वारा किए गए हंगामे के बारे में पूछे जाने पर, सोनोवाल ने कहा कि उनकी (विपक्षी) गतिविधियों ने सदन की कार्यवाही में गंभीर चुनौती पेश की है.
सोनोवाल ने कहा, “कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाले विपक्ष को चर्चा में भाग लेना चाहिए और सदन की कार्यवाही को सुचारु बनाना चाहिए.” उन्होंने कहा कि अड़ियल रवैये के कारण, विपक्ष कई महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा में भाग लेने से चूक गया, जिन्हें पारित कर दिया गया.
लोकसभा में पारित किए गए 12 विधेयकों में गोवा राज्य के विधानसभा क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व का पुन: समायोजन विधेयक, 2025, व्यापारी नौवहन विधेयक, 2025, मणिपुर माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025, मणिपुर विनियोग (संख्या 2) विधेयक, 2025, राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, 2025, और राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक, 2025, आयकर विधेयक, 2025, कराधान कानून (संशोधन) विधेयक, 2025, भारतीय बंदरगाह विधेयक, 2025, खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2025, भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन) विधेयक, 2025 और ऑनलाइन गेमिंग का संवर्धन और विनियमन विधेयक, 2025 शामिल हैं.
लोकसभा में पारित हुए 12 विधेयक:
- गोवा राज्य के विधानसभा क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व का पुन: समायोजन विधेयक, 2025
- व्यापारी नौवहन विधेयक, 2025
- मणिपुर माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025
- मणिपुर विनियोग (संख्या 2) विधेयक, 2025
- राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, 2025
- राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक, 2025,
- आयकर विधेयक, 2025,
- कराधान कानून (संशोधन) विधेयक, 2025,
- भारतीय बंदरगाह विधेयक, 2025,
- खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2025,
- भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन) विधेयक, 2025
- और ऑनलाइन गेमिंग का संवर्धन और विनियमन विधेयक, 2025
राज्यसभा द्वारा पारित या लौटाए गए विधेयक हैं: बिल ऑफ लैडिंग विधेयक, 2025, समुद्र द्वारा माल ढुलाई विधेयक, 2025, तटीय नौवहन विधेयक, 2025, मणिपुर माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025, मणिपुर विनियोग (संख्या 2) विधेयक, 2025, व्यापारी नौवहन विधेयक, 2025 और गोवा राज्य के विधानसभा क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व का पुनः समायोजन विधेयक, 2025। राज्यसभा द्वारा पारित अन्य विधेयक हैं: राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, 2025, राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक, 2025, आयकर विधेयक, 2025, कराधान कानून (संशोधन) विधेयक, 2025, भारतीय बंदरगाह विधेयक, 2025, खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2025 और भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन) विधेयक, 2025.
राज्यसभा द्वारा पारित या लौटाए गए विधेयक:
- बिल ऑफ लैडिंग विधेयक, 2025,
- समुद्र द्वारा माल ढुलाई विधेयक, 2025,
- तटीय नौवहन विधेयक, 2025,
- मणिपुर माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025,
- मणिपुर विनियोग (संख्या 2) विधेयक, 2025,
- व्यापारी नौवहन विधेयक, 2025
- गोवा राज्य के विधानसभा क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व का पुनः समायोजन विधेयक, 2025,
- राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, 2025,
- राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक, 2025,
- आयकर विधेयक, 2025,
- कराधान कानून (संशोधन) विधेयक, 2025,
- भारतीय बंदरगाह विधेयक, 2025,
- खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2025
- भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन) विधेयक, 2025.
गौर करें तो माॉनसून सत्र के पहले दिन राज्यसभा में केवल बिल ऑफ लैडिंग विधेयक, 2025 ही बिना किसी व्यवधान के पारित हो गया. अन्य विधेयक हंगामे के बीच कुछ चर्चा और विपक्षी दलों के बहिर्गमन के बाद ही पारित हुए.
बुधवार को गृह मंत्री अमित शाह द्वारा लोकसभा में पेश किए जाने के बाद, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्रियों को बर्खास्त करने के प्रावधान वाले तीन विधेयकों को संसद की संयुक्त समिति को भेज दिया गया है. ये विधेयक गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार या हिरासत में लिए गए निर्वाचित प्रतिनिधियों को पद से हटाने का प्रावधान करते हैं.
गुरुवार को राज्यसभा में संविधान (एक सौ तीसवाँ संशोधन) विधेयक, 2025; केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 सहित कई विधेयक पेश किए गए.
मॉनसून सत्र में पारित महत्वपूर्ण विधेयकों में ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन विधेयक, 2025 शामिल है. यह विधेयक पैसे से खेले जाने वाले ऑनलाइन गेम के संचालन, सुविधा और विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाता है. इसका उद्देश्य बढ़ती लत, धन शोधन और वित्तीय धोखाधड़ी की घटनाओं पर अंकुश लगाना है.
लोकसभा में ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन विधेयक, 2025 पारित होने के एक दिन बाद, गुरुवार को इसे राज्यसभा ने भी पारित कर दिया. इस विधेयक के पारित होने से ड्रीम11, माय11सर्किल, हाउज़ैट, एसजी11 फैंटेसी, विंजो, गेम्स24×7 सहित कई ऐप्स प्रभावित होने की संभावना है.
विधेयक के अनुसार, ऑनलाइन मनी गेमिंग की पेशकश/सुविधा प्रदान करने पर 3 साल तक की कैद और/या 1 करोड़ रुपये का जुर्माना हो सकता है. मनी गेम्स का विज्ञापन करने पर 2 साल तक की कैद और/या 50 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है.
मनी गेम्स से संबंधित वित्तीय लेनदेन पर 3 साल तक की कैद और/या 1 करोड़ रुपये का जुर्माना हो सकता है. बार-बार अपराध करने पर कम से कम 3-5 वर्ष का कारावास और 2 करोड़ रुपये तक का जुर्माना.
राज्यसभा ने गुवाहाटी में एक भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) स्थापित करने हेतु भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन) विधेयक, 2025 पारित कर दिया है. केंद्र सरकार इसके लिए 550 करोड़ रुपये की पूंजी सहायता प्रदान करेगी.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि यह पिछले 10 वर्षों में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तहत स्थापित होने वाला 9वां आईआईएम होगा.
मर्चेंट शिपिंग विधेयक, 2025: यह अधिनियम भारत के समुद्री अमृत काल विजन 2047 को साकार करने के लिए एक मज़बूत कानूनी ढांचा प्रदान करता है. व्यापार में सुगमता को बढ़ावा देने के अलावा, यह विधेयक भारत के समुद्री ढांचे का आधुनिकीकरण करता है और एक स्थायी समुद्री क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देता है. यह भारत को एक विश्वसनीय क्षेत्राधिकार बनाने पर केंद्रित है. यह नौवहन में सुरक्षा, जीवन की सुरक्षा, समुद्री पर्यावरण की सुरक्षा और समुद्री घटनाओं से निपटने के लिए आपातकालीन तैयारी सुनिश्चित करने पर भी केंद्रित है.
तटीय नौवहन विधेयक, 2025: तटीय नौवहन परिवहन का एक लागत-कुशल और टिकाऊ साधन है. इस विधेयक का उद्देश्य तटीय व्यापार को आसान, अधिक प्रतिस्पर्धी और भारत के समग्र परिवहन दृष्टिकोण के साथ बेहतर ढंग से एकीकृत बनाना है.
इस अधिनियम के तहत, तटीय व्यापार में भाग लेने के लिए भारतीय जहाजों को लाइसेंस की आवश्यकता नहीं है. यह तटीय व्यापार में भाग लेने वाले विदेशी जहाजों के लिए लाइसेंस की शर्तें लागू करने का अधिकार देता है. यह भारत के तटीय बेड़े को भी बढ़ाता है और इस क्षेत्र में निवेश आकर्षित कर सकता है.
भारतीय बंदरगाह विधेयक, 2025: यह विधेयक बंदरगाहों के दीर्घकालिक साक्ष्य-आधारित नियोजन और एकीकृत विकास को सक्षम बनाता है. साथ ही प्रदूषण पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों के तहत भारत की प्रतिबद्धताओं को भी शामिल करता है. यह केंद्र और राज्यों के बीच परामर्श प्रक्रिया के माध्यम से बंदरगाह विकास के लिए रणनीतिक योजना हेतु एक व्यापक ढांचा प्रदान करता है.
यह विधेयक बंदरगाह संचालन में सूचित नियोजन और पारदर्शिता के लिए डेटा साझाकरण की सुविधा भी प्रदान करता है. यह पर्याप्त स्वागत सुविधाओं और बंदरगाह अपशिष्ट स्वागत और हैंडलिंग योजनाओं के रखरखाव को अनिवार्य करता है. यह सभी राज्यों में राज्य समुद्री बोर्डों और विवाद समाधान समितियों के गठन को अनिवार्य करता है.
लदान बिल, 2025: लदान बिल, 2025 स्वतंत्रता-पूर्व कानून का स्थान लेता है और समझने में आसानी के लिए प्रावधानों की भाषा को सरल बनाता है. यह लदान बिल में नामित प्राप्तकर्ता या उस पृष्ठांकिती को, जिसे लदान बिल हस्तांतरित किया जाता है, वाद और देनदारियों के अधिकारों के हस्तांतरण का प्रावधान करता है.
आधुनिक विधायी प्रारूपण प्रथाओं के अनुरूप, यह विधेयक एक प्रमुख समुद्री राष्ट्र के रूप में भारत की पहचान और ताकत को दर्शाता है. यह वाहकों, पोत-परिवहनकर्ताओं और लदान-पत्रों के वैध धारकों के बीच संभावित मुकदमेबाजी को भी कम करता है.
समुद्री माल परिवहन अधिनियम, 2025: यह विधेयक स्वतंत्रता-पूर्व कानून का स्थान लेता है और समझने में आसानी के लिए प्रावधानों की भाषा को सरल बनाता है. यह वाहकों और मालवाहकों की देनदारियों, जिम्मेदारियों, अधिकारों और उन्मुक्तियों से संबंधित विश्व स्तर पर सबसे प्रचलित व्यवस्था, जैसे हेग विस्बी नियम, को बरकरार रखता है.
यह अधिनियम समुद्री मार्ग से निर्यात किए जाने वाले माल के लिए भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (सीईटीए) के सुचारु कार्यान्वयन को सुगम बनाएगा.
राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक, 2025: यह विधेयक राष्ट्रीय डोपिंग रोधी अधिनियम 2022 में संशोधन का प्रयास करता है. यह विधेयक राष्ट्रीय खेल डोपिंग रोधी बोर्ड को अनुशासनात्मक पैनल और अपील पैनल से उनके कार्यों के संबंध में कोई भी जानकारी प्राप्त करने का अधिकार देता है. विधेयक डोपिंग रोधी नियमों के उल्लंघन के रूप में आचरण या परिस्थितियों की एक सूची निर्दिष्ट करता है.
आयकर विधेयक, 2025: यह विधेयक आयकर अधिनियम, 1961 का स्थान लेगा. इसका मुख्य उद्देश्य भाषा को सरल बनाना और अनावश्यक प्रावधानों को हटाना है.
संसद का मॉनसून सत्र 21 जुलाई को शुरू हुआ और 21 अगस्त को समाप्त हुआ. इस दौरान, स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए दोनों सदनों की कार्यवाही 12 अगस्त से 17 अगस्त तक स्थगित रही. 18 अगस्त को इसे पुनः आरंभ किया गया.
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