हैदराबाद: तेलंगाना पुलिस ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर आधारित निवेश प्लेटफॉर्म और पॉन्जी स्कीम का प्रयोग तीन हजार से अधिक लोगों के साथ ठगी किए जाने का मामला सामने आया है. इस वित्तीय घोटाले में कुल 850.59 करोड़ रुपये की रकम निवेशकों से वसूल की गई.
इस सिलसिले में साइबराबाद की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने तीन प्रमुख आरोपियों गद्दाम वेणुगोपाल, गद्दाम वेंकटराव और श्रेयसपाल को गिरफ्तार किया, जिन्होंने देश भर में 3,164 लोगों को ठगा और 850.59 करोड़ रुपये की ठगी की.
इस संबंध में साइबराबाद ईओडब्ल्यू के डीसीपी मुथ्यम रेड्डी ने कहा कि प्रकाशम जिले के मल्लावरप्पाडु का रहने वाला वेणुगोपाल मणिकोंडा में रह रहा था और वहीं से धोखाधड़ी का काम चला रहा था.
उन्होंने माधापुर से कई फर्जी कंपनियां और वेबसाइटें शुरू कीं, तथा अपने काम को पेशेवर रूप देने के लिए 20 से अधिक एजेंटों, तकनीकी डेवलपर्स और वेबसाइट प्रशासकों को नियुक्त किया. इतना ही नहीं आरोपियों ने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में निवेश सेमिनार आयोजित किए और दावा किया कि वे एडवांस टेक्नोलॉजी का उपयोग करके शेयर बाजार की गतिविधियों की भविष्यवाणी कर सकते हैं.
लुभावने रिटर्न का वादा
उन्होंने 7% मासिक रिटर्न (प्रति वर्ष 84%) का वादा किया तथा विशेष रूप से मध्यम वर्गीय परिवारों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को निवेश के लिए राजी किया.
साथ ही आरोपियों ने रुपये के मिलने में कोई रुकावट नहीं आए इसके लिए उन्होंने यह शर्त भी लगा दी कि नए निवेशकों को मौजूदा निवेशकों द्वारा ही संदर्भित किया जाना चाहिए. और तो और नकली डैशबोर्ड बनाकर गैर-मौजूद लाभ दिखाया गया, जबकि जमा राशि को 21 ‘म्यूल अकाउंट’ ( जालासज किराये पर किसी दूसरे व्यक्ति का बैंक खाता लेते हैं. इसे ही ‘म्यूल अकाउंट’ कहते हैं.) में डाल दिया गया.
आरोपियों में दुबई में रुपये किए इंवेस्ट
दूसरी तरफ रुपये को शेयरों में निवेश करने के बजाय, धन को रियल एस्टेट, सोना, लक्जरी कारों और दुबई में मनी लॉन्ड्रिंग कार्यों में लगा दिया गया.
वहीं जिन पीड़ितों ने पैसे वापस मांगे उन्हें धमकाया गया तथा धोखाधड़ी को छिपाने के लिए उनके डिजिटल रिकार्ड मिटा दिए गए.
ऐसे हुआ खुलासा
यह मामला तब प्रकाश में आया जब पुप्पलागुडा के एक निजी कर्मचारी ने शिकायत दर्ज कराई कि उसने 23 लाख रुपये का निवेश किया था, लेकिन उसे कोई लाभ नहीं मिला.
जांच के दौरान पाया गया कि एवी सॉल्यूशंस के तहत अकेले वेणुगोपाल ने 2,388 निवेशकों से 441.52 करोड़ रुपये ठगे, जबकि आईआईटी कैपिटल टेक्नोलॉजीज के तहत वेंकटराव ने 776 लोगों से 409.07 करोड़ रुपये की ठगी की.
दो महंगी कार समेत इनकी हुई जब्ती
इस सिलसिले में पुलिस ने दो महंगी कारें, 11 लैपटॉप, तीन मोबाइल फोन, पीड़ितों का डेटाबेस और मणिकोंडा तथा हैप्पी होम्स में बेनामी नामों से पंजीकृत फ्लैट जब्त किए.
मामले में पुलिस ने आरोपियों को रिमांड पर लिया है. साथ ही अधिकारियों ने जनता को असामान्य रूप से अधिक रिटर्न का वादा करने वाली अवास्तविक निवेश योजनाओं के झांसे में नहीं आने की चेतावनी दी है.
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