बालासोर: भारत ने बुधवार को ओडिशा के चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल ‘अग्नि-5’ का सफल परीक्षण किया, जो देश की सामरिक को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में यह जानकारी दी.
बयान में कहा गया है कि ‘अग्नि-5’ मिसाइल मौजूदा परीक्षण में सभी परिचालन और तकनीकी मापदंडों पर खरी उतरी. इसमें कहा गया है कि यह परीक्षण सामरिक बल कमान के तत्वावधान में किया गया. यह बैलिस्टिक मिसाइल 5000 किमी तक टारगेट हिट करने में सक्षम है.
अग्नि-5 मिसाइल चीन के सुदूर उत्तरी भाग और यूरोप के कुछ क्षेत्रों सहित लगभग पूरे एशिया को अपनी जद में ले सकती है. इस सामरिक मिसाइल का परीक्षण भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष के लगभग साढ़े तीन महीने बाद हुआ है. भारत ने पिछले साल मार्च में भी अग्नि-5 मिसाइल का परीक्षण किया था.
अग्नि 1 से 4 मिसाइलों की मारक क्षमता 700 किलोमीटर से 3,500 किलोमीटर तक है और इन्हें पहले ही तैनात किया जा चुका है. पिछले महीने, भारत ने परमाणु क्षमता वाली कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों पृथ्वी-2 और अग्नि-1 का सफलतापूर्वक परीक्षण किया.
पृथ्वी-2 मिसाइल की मारक क्षमता लगभग 350 किलोमीटर है और यह 500 किलोग्राम तक का पेलोड ले जाने में सक्षम है. यह पारंपरिक और परमाणु दोनों तरह के हथियार ले जा सकती है. अग्नि-1 मिसाइल की मारक क्षमता 700-900 किलोमीटर है और यह 1,000 किलोग्राम का पेलोड ले जा सकती है. पृथ्वी-2 और अग्नि-1 दोनों मिसाइलें भारत की परमाणु प्रतिरोधक क्षमता का अभिन्न अंग रही हैं.
जुलाई में, भारत ने नव-विकसित सामरिक मिसाइल ‘प्रलय’ का भी परीक्षण किया, जो पारंपरिक हथियार ले जाने में सक्षम है. ‘प्रलय’ एक छोटी दूरी की सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है जिसकी पेलोड क्षमता 500-1,000 किलोग्राम है.
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