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नैनीताल जिपं अध्यक्ष चुनाव: बैलेट पेपर में टेंपरिंग और ओवर राइटिंग का आरोप, HC ने DM को दिया आदेश


नैनीताल: जिला पंचायत अध्यक्ष नैनीताल चुनाव को लेकर आज 20 अगस्त बुधवार को उत्तराखंड हाईकोर्ट में फिर सुनवाई हुई. कांग्रेस की जिला पंचायत सदस्य पूनम बिष्ट इस मामले में याचिकाकर्ता हैं. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से आरोप लगाया गया है कि जिला पंचायत अध्यक्ष नैनीताल के चुनाव में एक मतपत्र में एक अधिकारी ने टेंपरिंग और ओवर राइटिंग की है.

जिलाधिकारी कार्यालय नैनीताल में देखी जाएगी वीडियो: याचिकाकर्ता की ओर से उनके अधिवक्ता ने वीडियो टेंपरिंग की रिकॉर्डिंग कोर्ट को दिखाई है, जिसके बाद मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने याचिकाकर्ता, राज्य सरकार व चुनाव आयोग के अधिवक्ताओं व अध्यक्ष पद के दोनों प्रत्याशियों से ये वीडियो व सीसीटीवी देखने को कहा है. ये वीडियो व सीसीटीवी फुटेज गुरुवार 21 अगस्त सुबह 11 बजे जिलाधिकारी कार्यालय नैनीताल में देखी जाएगी. ट्रेजरी के लॉकर में रखे गए सीसीटीवी फुटेज व वीडियोग्राफी दिखाने की व्यवस्था जिलाधिकारी करेंगी.

एसपी सिटी नैनीताल को दी भीड़ रोकने जिम्मेदारी: हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने स्पष्ट किया है कि वीडियोग्राफी व सीसीटीवी कैमरे की फुटेज देखने के लिए दोनों पक्षों के तीन-तीन अधिवक्ता, चुनाव आयोग के अधिवक्ता व दोनों प्रत्याशी यानी कुल 9 लोग शामिल होंगे. इसके अलावा आसपास भीड़ को रोकने की जिम्मेदारी एसपी सिटी नैनीताल डॉ. जगदीश चंद्र की होगी.

भाजपा प्रत्याशी दीपा दर्मवाल जीती थीं चुनाव: दरअसल, जिला पंचायत अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद के चुनाव में कुल 22 मत पड़े थे, जिनमें से अध्यक्ष पद पर भाजपा प्रत्याशी दीपा दर्मवाल को 11 व कांग्रेस प्रत्याशी पुष्पा नेगी को 10 मत मिले थे. जबकि एक मत रद्द हुआ है. इसी रद्द मत में टेंपरिंग का आरोप है, जिसमें एक के ऊपर से 2 किए जाने का आरोप है. जबकि उपाध्यक्ष पद पर भाजपा व कांग्रेस प्रत्याशी को बराबर मत मिले थे और चुनाव परिणाम लॉटरी से निकला था. उपाध्यक्ष पद पर कांग्रेस प्रत्याशी देवकी बिष्ट जीती हैं.

इस मामले को कांग्रेस की जिला पंचायत सदस्य पूनम बिष्ट ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में चुनौती दी है. आज उनकी तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता देवी देवदत्त कामथ, हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता डीएस पाटनी व वरिष्ठ अधिवक्ता अवतार सिंह रावत और सरकार की तरफ से एडवोकेट जनरल व मुख्य स्थायी अधिवक्ता सीएस रावत व राज्य चुनाव आयोग की तरफ से संजय भट्ट ने अपना अपना पक्ष न्यायालय के सम्मुख रखा. अब मामले की सुनवाई गुरुवार 21 अगस्त को भी जारी रहेगी.

जानिए पूरा मामला: दरअसल, 14 मई जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुआ था. चुनाव के दौरान काफी हंगामा हुआ था. पांच जिला पंचायत सदस्यों के कथित किडनैप की बात भी सामने आई थी. कांग्रेस इस मामले को उसी दिन हाईकोर्ट ले गई थी. हाईकोर्ट के आदेश पर चुनाव प्रक्रिया रोक दी गई थी, लेकिन बाद में निर्वाचन आयोग ने वोटिंग का टाइम बढ़ाकर चुनाव प्रक्रिया को पूरा कराया और देर रात को वीडियोग्राफी कर मतगणना भी कराई. हालांकि निर्वाचन आयोग ने परिणाम जारी नहीं किया था, बल्कि उसे डबल लॉकर में रख दिया था. चुनाव का रिजल्ट 19 अगस्त को जारी किया गया था, जिसे कांग्रेस की ओर से चुनौती दी गई है.

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