नैनीताल: बीती 14 अगस्त को उत्तराखंड के नैनीताल जिले में पांच जिला पंचायत सदस्यों के कथित किडनैपिंग मामले में दूसरे दिन भी उत्तराखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. आज भी कोर्ट की सख्ती देखने को मिली. उत्तराखंड हाईकोर्ट ने आज मामले में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और गृह सचिव को पक्षकार बनाया है. अब इस मामले में अगली सुनवाई शुक्रवार 22 अगस्त को होगी.
सदस्यों के कथित अपहरण केस में कोर्ट ने गृह सचिव को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में पेश होने को कहा है. कोर्ट ने उधमसिंह नगर व बेतालघाट में चुनाव के दौरान हुई घटनाओं पर चिंता जाहिर की और कहा कि यह देवभूमि है. यहां पर ऐसी वारदात घटित होने का मतलब प्रदेश में कानून व्यवस्था चौकस नहीं है.
आज की सुनवाई में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) नैनीताल प्रह्लाद नारायण मीणा ने कोर्ट को बताया कि ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में एक उप निरीक्षक को निलंबित कर दिया गया है. वहीं 13 अगस्त की रात लाल कार में आए लोगों में रामपुर, उधमसिंह नगर, हल्द्वानी और नैनीताल शहर के लोग शामिल थे, जिनका विस्तृत विवरण जुटाने के लिये समय की जरूरत है. वो लाल कार पुलिस के कब्जे में है.
याचिका की सुनवाई आज मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ में हुई. सुनवाई के दौरान नैनीताल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद नारायण मीणा कोर्ट में पेश हुए थे, जबकि जिलाधिकारी वंदना सिंह वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट में पेश हुई थीं.
इससे पहले सोमवार 18 अगस्त की सुनवाई में हाईकोर्ट ने वो सभी वीडियो देखे थे, जिनमें रेनकोट पहने लोग 5 जिला पंचायत सदस्यों को घसीटते हुए ले जा रहे हैं. साथ ही मतदान स्थल जिला पंचायत कार्यालय से करीब 200 मीटर की दूरी पर स्थित एक होटल में मतदान की पहली रात करीब दर्जन भर हथियारबंद लोगों के पहुंचने और उनकी पुलिस द्वारा जांच न करने, इन्हीं लोगों द्वारा मतदान की सुबह रेनकोट पहनकर 5 जिला पंचायत सदस्यों को बलपूर्वक उठाने पर कोर्ट ने गहरी चिंता जताई थी.
इस दौरान हाईकोर्ट ने कहा था कि नैनीताल पुलिस अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करने में असफल रही है. इसके अलावा घटना के बाद कुछ युवकों द्वारा सोशल मीडिया में ‘नैनीताल को हिला डाला’ शीर्षक से डाले गए वीडियो को भी हाईकोर्ट देखा था, जिस पर भी कोर्ट ने गहरी चिंता जताई थी.
कोर्ट ने सीधे सीधे आदेश में कहा है कि जो लोग कोर्ट की लाइव प्रोसिडिंग को सोशल मीडया पर डाल रहे हैं और अपने सब्सक्राइबर बढ़ा रहे हैं. उनके खिलाफ लाइव स्ट्रीमिंग कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि कुछ पोर्टल व यूट्यूबर कोर्ट की प्रोसिडिंग का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं.
पुनर्मतदान याचिका पर कल भी सुनवाई होगी: इधर, हाईकोर्ट परिसर में आज दूसरे दिन भी निषेधाज्ञा लागू थी और कोर्ट के आसपास भारी पुलिस बल तैनात किया गया था. वहीं, जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा आज 19 अगस्त को जिला पंचायत अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद के परिणाम घोषित कर दिए गए हैं. इस मामले में कल 20 अगस्त को भी बहस जारी रहेगी. यह याचिका जिला पंचायत सदस्य पूनम बिष्ट ने दायर की है, जिसमें पुनर्मतदान करने की अपील की है.
पूरा मामला जानिए: बता दें कि, गुरुवार 14 अगस्त 2025 को प्रदेश की 12 जिला पंचायतों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुआ था. उस दिन 11 जिलों का चुनाव परिणाम तो शाम तक आ गया, लेकिन नैनीताल में चुनाव के बीच शहर में काफी ड्रामा देखने को मिला. यहां कांग्रेस और बीजेपी ने एक-दूसरे पर पांच जिला पंचायत सदस्यों को गायब (कथित किडनैपिंग) करने का आरोप लगाया था. इस घटना के वीडियो भी सामने आए थे.
इस मामले को लेकर कांग्रेस उसी दिन उत्तराखंड हाईकोर्ट पहुंची और आरोप लगाया कि उनके समर्थित पांच जिला पंचायत सदस्यों को अगवा किया गया है, जिसका उत्तराखंड हाईकोर्ट ने खुद संज्ञान लिया. कोर्ट के आदेश के बाद जिलाधिकारी ने वोटिंग का समय बढ़ाया और देर रात तक मतगणना करा दी गई थी. हालांकि चुनाव परिणाम जारी नहीं किया गया था.
मामले में नया ट्विस्ट तब आया जब अगले दिन 15 अगस्त को कथित तौर पर गायब कराए गए जिला पंचायत सदस्यों का एक वीडियो सामने आया. सभी एक साथ बैठे दिखाई दिए. उन्होंने कहा कि उनका किडनैप नहीं किया गया है, वो अपनी मर्जी से ही घूमने गए थे.