देहरादून: धराली में आई आपदा के बाद न केवल संवेदनशील क्षेत्रों और लैंडस्लाइड प्रोन एरियाज को मॉनिटर किया जा रहा है, बल्कि नदियों के जलस्तर पर भी लगातार निगरानी बढ़ाई गई है. खासतौर पर उन जिलों में, जहां मौसम विभाग ने बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया हुआ है. खास बात यह है कि खीर गंगा में एक बार फिर पानी का स्तर बढ़ा है, जो ऊंचे स्थानों पर तेज बारिश के संकेत दे रहा है.
पिछले दिनों देहरादून समेत तमाम जिलों में भारी बारिश स्थानीय लोगों के लिए बड़ी चिंता का सबब बन गई थी. स्थिति यह है कि सूखी पड़ी रहने वाली नदियों में भी भारी मात्रा में पानी पूरे वेग के साथ बहता हुआ दिखाई दिया था. राजधानी देहरादून में बरसाती नाले अपने उफान पर थे और इसमें कई मवेशियों की बहने की तस्वीरें भी सामने आई थी. यही स्थिति पूरे प्रदेश में तमाम नदियों को लेकर थी, जिसके चलते नदी के किनारे रहने वाले लोगों को लेकर खासतौर पर चिंता बढ़ गई थी.
खीर गंगा का जलस्तर शनिवार 16 अगस्त की सुबह बढ़ा हुआ रिकॉर्ड किया गया (FILE PHOTO- ETV Bharat)
अगले 24 घंटे तेज बारिश की संभावना: मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में भी राज्य के कई जिलों में तेज बारिश की संभावना व्यक्त की है. जाहिर है कि ऐसी स्थिति में नदियों के आसपास रहने वाले लोगों के लिए सबसे ज्यादा परेशानी दिखाई दे रही. हालांकि, इसके बावजूद जिला प्रशासन स्तर पर नदियों के किनारे रहने वाले लोगों को जल स्तर बढ़ने की स्थिति में सतर्क रहने के लिए कहा गया है. यही नहीं, पानी बढ़ने के हालात में उन्हें यहां से दूसरी जगह शिफ्ट करने का भी प्लान तैयार है.
भागीरथी का जलस्तर बढ़ा: उधर दूसरी तरफ नदियों के जलस्तर को देखें तो 5 अगस्त को धराली में तबाही मचाने वाली खीर गंगा का जलस्तर शनिवार 16 अगस्त की सुबह बढ़ा हुआ रिकॉर्ड किया गया है. जिसके चलते धारली में सभी टीमों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है. इसी तरह भागीरथी नदी (उत्तरकाशी) का जलस्तर भी 1120.96 मीटर रिकॉर्ड किया गया है, जो कि खतरे के स्तर से महज 3 मीटर नीचे है. उत्तरकाशी में सबसे ज्यादा बारिश उत्तरकाशी मुख्यालय में 24 मिलीमीटर और मोरी में 18 मिलीमीटर रिकॉर्ड की गई है.
खतरे के निशान से 2 मीटर नीचे बह रही गंगा: इसी तरह हरिद्वार की स्थिति देखें तो यहां पर गंगा का जलस्तर 292 मीटर यानी खतरे के स्तर से 2 मीटर नीचे रिकॉर्ड किया गया है. हालांकि, हरिद्वार में मौसम सुबह की रिपोर्ट तक बंद था और यहां बारिश की संभावना लगाई जा रही थी.
अलकनंदा और मंदाकिनी भी उफान पर: मुख्य नदियों के रूप में देखें तो अलकनंदा नदी (रुद्रप्रयाग) भी 625.70 मीटर के निशान पर बह रही है, जो की खतरे के स्तर से 2 मीटर से भी कम पर है. मंदाकिनी नदी (रुद्रप्रयाग) का जलस्तर 624.45 मीटर पर है और यहां भी 2 मीटर से कम पर नदी का खतरे के स्तर से बहाव रिकॉर्ड किया गया है.
पिंडर नदी का जलस्तर सामान्य: चमोली में अलकनंदा नदी 953.90 मीटर पर बह रही है, जो कि खतरे के स्तर से करीब 4 मीटर नीचे है. इसी तरह नंदाकिनी नदी (चमोली) 867.50 मीटर है और यह भी करीब 4 मीटर खतरे के स्तर से नीचे है. पिंडर नदी (चमोली) का जलस्तर भी 769.218 मीटर पर है. यहां भी नदी का स्तर खतरे से करीब 4 मीटर नीचे है.
काली और गोरी नदी: राज्य में काली नदी (पिथौरागढ़) 888.70 मीटर, गोरी नदी (पिथौरागढ़) 604.55 मीटर और सरयू नदी (पिथौरागढ़) 447.80 मीटर पर रिकॉर्ड की गई है, जो कि खतरे के स्तर से काफी नीचे है. गोमती नदी (बागेश्वर) का जल स्तर 864.40 मीटर रिकॉर्ड हुआ है, जो कि खतरे के स्तर से काफी नीचे है.
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