जम्मू: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बृहस्पतिवार को बादल फटने से तबाही और बाढ़ के चलते जिस पैमाने पर नुकसान हुआ है उसका आकलन अभी तक नहीं किया जा सका है. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के अनुसार इस आपदा में 60 लोगों की मौत हुई है जबकि 60 से 70 लोगों के लापता होने की सूचना है. कहा जा रहा है कि भारी संख्या में ग्रामीण अभी भी लापता हैं. इससे मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है. अधिकांश शव बरामद कर लिए गए हैं और उनकी पहचान भी हो गई है.
केंद्र की ओर से हर संभव मदद की जा रही है: केंद्रीय मंत्री
इस संकट की घड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला सभी ने लापता हुए लोगों को सकुशल बचाने पर जोर दिया. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस संबंध में जानकारी दी.
#WATCH | Kishtwar, J&K: On the cloudburst incident in the Chashoti area of Kishtwar, Union Minister Dr Jitendra Singh said, ” the government immediately took cognisance of it…pm modi personally took cognisance of it and monitored it. after that, the equipment was brought here… pic.twitter.com/k6dgZ7lCmQ
— ANI (@ANI) August 16, 2025
वहीं केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा राहत बचाव अभियान को लेकर कहा कि केंद्र सरकार की ओर से हर तरह से मदद की जा रही है. उन्हों कहा, ‘सरकार ने तुरंत इसका संज्ञान लिया. प्रधानमंत्री मोदी ने खुद इसका संज्ञान लिया और इसकी निगरानी की. इसके बाद, रातों-रात गाड़ियों से उपकरण यहां लाए गए.
सीआरपीएफ भी उपकरण लेकर रातों-रात यहां पहुंची. वायुसेना, भारतीय सेना, पुलिस महानिदेशक, जम्मू-कश्मीर पुलिस और आज बीआरओ की सेवा ली गई क्योंकि उनके पास सड़कों से मलबा हटाने के लिए मशीनें हैं. बरामद शवों में चार की पहचान नहीं हो पाई है, जबकि बाकी की पहचान हो गई है.
गंभीर रूप से घायल मरीजों को बाहर रेफर किया गया है, लगभग 52 मरीजों को जम्मू मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है. जिनकी हालत अधिक गंभीर है उन्हें बाहर रेफर किया जाएगा. सरकार की तरफ से कोई कमी नहीं है.
सीएम उमर अब्दुल्ला ने स्थानीय लोगों से मुलाकात की और चिशोती बादल फटने की घटना के बारे में जमीनी हालात का जायजा लिया (ANI)
उमर अब्दुल्ला प्रभावित इलाकों का दौरा किया
जम्मू- कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को किश्तवाड़ जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया. उन्होंने अचानक आई बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन किया. उनका काफिला गुलाबगढ़ पहुंचा. राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लिया.
#WATCH | Kishtwar | On Kishtwar flash flood, J&K CM Omar Abdullah says, ” around 60 bodies have been found. the number of missing persons is being assessed. after the rescue and relief operation concludes, we will inquire whether the administration could have taken any preventive… pic.twitter.com/FlUgRWSYpI
— ANI (@ANI) August 16, 2025
चेतावनी के बाद प्रशासन ने क्या कदम उठाए इसकी जांच होगी: उमर अब्दुल्ला
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह बहुत बड़ा हादसा और अफसोसजनक घटना हुई. घटनास्थल से दर्दनाक खबरें मिल रही हैं . 60 लोगों की मौत हो गई हैं. जबकि बचाए गए 38 की हालत गंभीर बताई जा रही है. अधिकांश शव बरामद कर लिए गए हैं. कई लोग घायल हुए हैं. वहीं बहुत सारे लोग लापता हैं जिनके बारे में छानबीन की जा रही है.
उन्होंने आगे कहा कि बहुत बड़ा हादसा हुआ और कैसे हुआ इसके बारे में भी जानकारी एकत्र करनी होगी. एक बार राहत-बचाव अभियान समाप्त हो जाए फिर इसपर जांच करेंगे. क्योंकि मौसम विभाग ने खतरे को लेकर चेतावनी जारी की थी.
लोगों को चेतावनी दी गई थी कि वे गैर जरूरी बाहर निकलना बंद करें. इसके बाद क्या प्रशासन की ओर से कोई कदम उठाए गए. जिससे कि आज उन लोगों की जान बचाई जा सकती थी. इस मसले पर बातचीत करनी होगी. उन्होंने लापता हुए लोगों के बारे में चिंता जताई.
आपदा में 60 से 70 लोग लापता
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि अभी तक प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार 60 से 70 लोग लापता हैं. हालांकि यहां लापता हुए लोगों की संख्या अधिक बता रहे हैं. कुछ समय बाद लापता हुए लोगों की आधिकारिक संख्या का पता चल जाएगा. राहत-बचाव के बारे में उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.
लापता हुए लोगों को तलाश तेज कर दी गई है. एसडीआरएफ शुक्रवार से ही इस अभियान में जुटे हैं. एनडीआरएफ की टीम दिल्ली से रवाना हुई. उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली. साथ ही घटना पर दुख जताया. पीएम मोदी ने इस घटना को लेकर सरकार की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया. वहीं शुक्रवार को गृह मंत्री अमित शाह ने फोन कर हादसे के बारे में जाना.
मुख्यमंत्री ने आगे कि वह शनिवार सुबह बादल फटने की त्रासदी वाले स्थान पर जाकर नुकसान का जायजा लेंगे. साथ ही बचाव अभियान की समीक्षा भी करेंगे.