Homeउत्तराखण्ड न्यूजIFS संजीव चतुर्वेदी के खोले घोटाले पर विनय भार्गव ने उठाए सवाल,...

IFS संजीव चतुर्वेदी के खोले घोटाले पर विनय भार्गव ने उठाए सवाल, ईटीवी भारत पर रखा अपना पक्ष


देहरादून: पिथौरागढ़ जिले की मुनस्यारी रेंज में इको हट, डोरमेट्री के निर्माण और फायर लाइन मामले पर अब आईएफएस (भारतीय वन सेवा) अधिकारी विनय भार्गव का जवाब सामने आया है. IFS विनय भार्गव ने मामले में लगाए गए आरोपों पर ही सवाल खड़े करते हुए इन्हें मनगढ़ंत करार दे दिया है.. जानिए क्या था यह पूरा मामला और अब प्रकरण पर विनय भार्गव का क्या आ रहा है जवाब.

शासन ने आईएफएस विनय भार्गव से मांगा स्पष्टीकरण: दरअसल, पिथौरागढ़ वन प्रभाग में वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान ऐसे कई काम हुए जिन पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. पिछले दिनों ऐसे ही कुछ कामों को लेकर तत्कालीन DFO विनय भार्गव से स्पष्टीकरण भी लिया गया है. हालांकि इस मामले में अभी उनका शासन को लिखित जवाब आना बाकी है, लेकिन इससे पहले उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए मामले में अपना पक्ष रखा है.

शासन को लिखित जवाब भेजेंगे आईएफएस विनय भार्गव: आईएफएस अधिकारी विनय भार्गव ने कहा कि उन्हें शासन द्वारा मांगे गए स्पष्टीकरण का पत्र मिल गया है, जिसका मामले में स्थिति स्पष्ट करते हुए समुचित जवाब प्रेषित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि मुनस्यारी में कराए गए कामों की सराहना और सफलता से परेशान होकर किसी व्यक्तिगत ईर्ष्या द्वेष से ग्रसित होकर प्रभाग के कामों में कमी निकालने का प्रयास किया जा रहा है.

IFS विनय भार्गव को भेजा गया नोटिस (ETV Bharat)

आईएफएस विनय भार्गव का सवाल: उन्होंने सवाल उठाया कि आखिरकार इस मामले को पांच साल बाद क्यों उछाला जा रहा है? फायर लाइन के मामले में विनय भार्गव कहते हैं कि जिलाधिकारी द्वारा फायर प्लान में 137 किलोमीटर के मोटर मार्ग को फायर लाइन के रूप में अनुमति दी गई थी, लेकिन उसे समय इससे भी कम केवल 91 किलोमीटर पर ही काम किया गया था. ऐसे में उन पर इस मामले में लगाए गए सभी आरोप पूरी तरह से गलत है.

विनय भार्गव ने रखी अपनी बात: इसके अलावा निर्माण कार्य को लेकर भी विनय भार्गव ने अपनी बात रखी. उन्होंने कोई भी पक्का कार्य नहीं कराए जाने की बात कही. साथ ही डॉरमेट्री के कार्य को पूर्व से ही निर्मित होने और उनके द्वारा केवल उसके सुधारीकरण के कार्य को करने की भी बात कही गई. हालांकि अभी विनय भार्गव को 15 दिन के भीतर शासन को स्पष्टीकरण के रूप में जवाब देना है, जिसमें उन्हें बिना टेंडर के ही इको हट निर्माण कार्य कराए जाने जैसे मामलों में स्थिति को स्पष्ट करना होगा.

जानिए पूरा मामला: बता दें इस पूरे मामले को IFS संजीव चतुर्वेदी ने खोला था. दरअसल, तत्कालीन प्रभागीय वनाधिकारी और मौजूद कंजरवेटर ऑफ फारेस्ट विनय भार्गव पर आरोप है कि उन्होंने बिना पूर्व स्वीकृति के साल 2019 में पिथौरागढ़ के वन विभाग के डीएफओ रहते हुए कई पक्की संरचनाओं के कार्य करवाए है. इसमें डोरमेट्री का निर्माण, वन कुटीर उत्पाद विक्रय केंद्र का निर्माण, 10 इको हट का निर्माण और ग्रोथ सेंटर का निर्माण शामिल हैं. इस पूरे मामले की जांच IFS संजीव चतुर्वेदी ने की थी.

पढ़ें—

एक नजर