तेल अवीव, 26 जुलाई (आईएएनएस)। कंजर्वेटिव रब्बियों के अंतर्राष्ट्रीय संघ, रब्बिनिकल असेंबली (आरए) ने इजरायल से अपील की है कि वह गाजा में “जरूरतमंदों तक मानवीय सहायता सामग्री पहुंचाना सुनिश्चित करे।”
25 जुलाई को जारी किए गए एक बयान में, ‘आरए’ ने कहा कि वह “गाजा में बिगड़ते मानवीय संकट को लेकर लगातार चिंतित है। हम नागरिकों की पीड़ा को कम करने और सहायता वितरण सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता को समझते हैं, क्योंकि नेता बंधकों को वापस लाने और इस युद्ध को समाप्त करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।”
इसमें 7 अक्टूबर के सरप्राइज अटैक का जिक्र करते हुए फिलिस्तीनियों के प्रति चिंता व्यक्त की गई है। उन्होंने कहा, “हम जानते हैं हमास ने यह संकट पैदा किया। 7 अक्टूबर को इजरायली समुदायों पर उसके क्रूर हमलों ने इस युद्ध को गति दी, फिर भी नागरिक क्षेत्रों में इजरायली सेना को घुसाना, उन्हें (फिलीस्तीनियों) सहायता सामग्री से महरूम करना और सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को सैन्य संपत्ति में बदलना फिलिस्तीनियों के जीवन को खतरे में डाल रहा है।”
इसमें आगे कहा गया है, “यहूदी परंपरा हमें भोजन, पानी और चिकित्सा आपूर्ति की व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का आह्वान करती है। सहायता एजेंसियों, संयुक्त राष्ट्र और इजरायली सरकार को सीमा पर रुकी हुई आपूर्ति को वितरित करने के लिए तेजी से काम करना चाहिए ताकि वे उन नागरिकों तक पहुंच सकें जिन्हें इसकी सख्त जरूरत है। शुक्रवार को हवाई मार्ग से भोजन पहुंचाने की योजना की खबर से हम उत्साहित हैं, और इस संकट से निपटने के लिए अन्य रचनात्मक समाधानों को प्रोत्साहित करते हैं।”
बयान में जल्द से जल्द बंधक संकट खत्म करने की भी अपील की गई है।
ये अपील ऐसे समय में की गई है जब सीजफायर को लेकर दोनों पक्षों के बीच वार्ता किसी निर्णय पर नहीं पहुंच पाई है। अक्टूबर में इजरायल-गाजा युद्ध को शुरू हुए 2 साल गुजर जाएंगे, लेकिन शांति की आस अभी भी बहुत दूर नजर आ रही है। इस बीच अमेरिका ने भी गुरुवार, 24 जुलाई को गाजा युद्धविराम वार्ता से हाथ खींच लिया। अमेरिका के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने समझौते पर पहुंचने में विफल रहने के लिए हमास को दोषी ठहराया और कहा कि वाशिंगटन “वैकल्पिक विकल्पों पर विचार करेगा”
रब्बी यहूदी धर्म में एक शिक्षक, धार्मिक नेता और आध्यात्मिक गुरु के तौर पर जाने जाते हैं। वह हिब्रू बाइबिल और तल्मूड का अध्ययन करके यहूदी समुदाय में एक सम्मानित पद प्राप्त करते हैं। इनका मुख्य काम यहूदी शिक्षा प्रदान करना, धार्मिक अनुष्ठानों को संपन्न कराना और अपने लोगों का मार्गदर्शन कराना होता है।
–आईएएनएस
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