हरिद्वार: आज सावन की शिवरात्रि है. भगवान भोलेनाथ के भक्तों के लिए ये दिन काफी महत्व रखता है. 11 जुलाई को शुरू हुए सावन मास से कांवड़िए गंगा और अन्य पवित्र नदियों से जल भरकर अपने गृह स्थान के शिव मंदिर में जलाभिषेक करने के लिए लाए हैं. आज भगवान शिव का जलाभिषेक कर कांवड़िए अपना व्रत संपन्न कर रहे हैं. उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सावन की शिवरात्रि की शुभकामनाएं दी हैं. सीएम धामी ने केदारनाथ, जागेश्वर धाम और आदि कैलाश के वीडियो शेयर कर भगवान शिव में अपनी आस्था जताई है.
आज है सावन की शिवरात्रि: बम बम भोले, जय भोलेनाथ, जय शिवशंकर जैसे नारों से हरिद्वार का हर शिवालय गूंज रहा है. शिव शंकर की ससुराल दक्षेश्वर महादेव का नजारा देखने लायक है. भगवान शंकर की ससुराल दक्षेश्वर महादेव मंदिर में सावन की शिवरात्रि पर देर रात्रि से ही भक्तों का सैलाब उमड़ने लगा था. जलाभिषेक और पूजा अर्चना के लिए लंबी कतारें लग गयी थी. बड़े, बुजुर्ग, महिलाएं, बच्चे सभी भगवान शंकर में अपनी आस्था जताने और अपनी मनोकामनाए पूरी करने के लिए यहां पर पहुंचे हुए हैं.
हर हर महादेव..!
समस्त शिवभक्तों को श्रावण मास की शिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ। pic.twitter.com/FZGBgXLwdi— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) July 23, 2025
शिव मंदिरों में लगा भक्तों तांता: यह मान्यता है कि सावन के माह भगवान शिव अपनी ससुराल कनखल स्थित दक्ष प्रजापति में ही रहते हैं. इस दौरान जो भी यहां पर भोलेनाथ की पूजा अर्चना करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. यही हाल हरिद्वार के हर महादेव मंदिर का है. शिवभक्तों की कतार टूटने का नाम नहीं ले रही है. शिव भक्तों की सुरक्षा के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा व्यापक प्रबंध किए गए हैं.
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥समस्त प्रदेशवासियों को पवित्र श्रावण मास की शिवरात्रि की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
देवाधिदेव महादेव से आप सभी के सुख, समृद्धि एवं मंगलमय जीवन की प्रार्थना करता हूं। pic.twitter.com/HL8OjdvJkz
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) July 23, 2025
दक्षेश्वर मंदिर में साक्षात विराजते हैं भगवान शिव: ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज त्रिपाठी का कहना है कि-
यह श्रावण मास का चातुर्मास में से पहला माह है. भगवान शिव ने दक्ष का यज्ञ भंग करने के बाद जब बाकी देवताओं की प्रसन्नता के लिए दक्ष को पुनः जीवन दान दिया था, तो साथ में दक्ष से प्रसन्न होकर उनको यह वरदान भी दिया था कि पूरे श्रावण मास में मैं कनखल हरिद्वार में दक्षेश्वर महादेव के रूप में निवास करूंगा. जो व्यक्ति यहां जलाभिषेक करेगा, श्रावण मास में मैं उसकी मन की इच्छाओं को मनोकामनाओं को पूर्ण करूंगा. इसलिए दक्षेश्वर मंदिर में श्रावण मास में जल चढ़ाने से भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
-पंडित मनोज त्रिपाठी, ज्योतिषाचार्य-
सावन में प्राप्त होती है भगवान शिव की निकटता: ज्योतिषाचार्य ने बताया कि सावन की शिवरात्रि में भगवान भोलेनाथ की निकटता प्राप्त होती है. उनकी प्रसन्नता प्राप्त होती है. यही वह मास है जिसमें माता सती की पूरी तपस्या का फल भगवान शंकर ने लिंग रूप में प्रकट होकर के दिया. उनको वरदान दिया था, विवाह के लिए स्वीकारोक्ति दे दी थी. तब भगवान का माता सती से विवाह हुआ था. वैसे तो चार पहर की पूजा का विधान बताया गया है, जो अपने मन की जितनी भी इच्छाएं हैं, सबको पूर्णता देने वाला है. चार पहर की पूजा में सबसे पहले पहर की पूजा में जल से, दूसरे पहर दूध से, तीसरे पहर घी से और आखिरी चतुर्थ चरण में शहद से जो व्यक्ति भगवान शिव का अभिषेक करता है और सहस्रार्चन करता है, बेल के बिल्व को साक्षात माता पार्वती का स्वरूप माना गया है. बेल की पत्तियां भगवान शिव को अर्पित करने से 1008 नाम के साथ में भगवान से मोक्ष की प्राप्ति कर लेता है.
हरिद्वार के शिव मंदिरों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ (Photo- ETV Bharat)
श्री महंत रविंद्र पुरी का कहना है कि आज शिवरात्रि का दिन है. कई दिनों से हरिद्वार में कांवड़ चल रही है. हरियाणा, राजस्थान और पंजाब जहां भी देखो कांवड़िए है. आज के दिन हमें भगवान शंकर को अभिषेक करना है. हमारे यहां मान्यता है भगवान शंकर की नाना प्रकार से पूजा होती है, शिवरात्रि पर जलाभिषेक किया जाता है.

सावन की शिवरात्रि पर जलाभिषेक (Photo- ETV Bharat)
भारत में हैं 12 ज्योतिर्लिंग: शिवरात्रि का पर्व है. 90 फीसदी लोग आज मंदिरों में जल चढ़ाते हैं. हमारे पास जो भी जल का पात्र है, उससे भगवान शंकर को अभिषेक करें. जल अर्पित करते समय ओम नमः शिवाय का पाठ करना चाहिए. जो भी स्तोत्र आपको याद हैं, उनका पाठ करना चाहिए. हमें मंत्र से सभी लोगों को नमन करना चाहिए. पूरे भारत में 12 ज्योतिर्लिंग हैं.
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