देहरादून: उत्तराखंड वन विभाग में निर्माण विंग के लिए एक नए ढांचे की तैयारी की जा रही है. इसके जरिए महकमें में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को बढ़ाये जाने के प्रयास किये जाएंगे. फिलहाल, शासन स्तर पर इस नए कदम को लेकर विचार चल रहा है.जिसको जल्द ही अमलीजामा पहनाये जाने की उम्मीद है.
वन विभाग के अंतर्गत बड़ी मात्रा में निर्माण कार्य करवाए जाते हैं. इन कामों में भारी बजट भी खर्च किया जाता है, लेकिन विभाग में यह काम किसी अभियंता या निर्माण क्षेत्र के एक्सपट्र्स से ना करवा कर खुद वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी ही इसे देखते हैं. इसी को देखते हुए अब वन विभाग एक नए ढांचे को तैयार करने की जुगत में जुट गया है.
इसके लिए वन मुख्यालय ने शासन को एक प्रस्ताव भेजा है. जिस पर शासन स्तर से विचार चल रहा है. इसके तहत वन विभाग में अभियंताओं का एक ढांचा तैयार किया जाएगा. विभाग में निर्माण से जुड़े विभिन्न कार्यों की डीपीआर और दूसरे विभिन्न कार्यों को भी यही अभियंता देखेंगे.
प्रतिनियुक्ति पर अभियंताओं को लाने की कोशिश: वन विभाग में इंजीनियर्स को प्रतिनियुक्ति पर लाया जाएगा. इसके लिए विभाग में कितने अभियंताओं की जरूरत है? इसका एक पूरा खाका तैयार होगा. जिसके बाद विभिन्न विभागों से अभियंता प्रतिनियुक्ति पर यहां आ सकेंगे. वन विभाग में यही व्यवस्था पशु चिकित्सको को लेकर पहले से चल रही है. अब निर्माण विंग में भी इसी तरह अभियंताओं को लाने के प्रयास है.
विभाग में अभियंताओं का नया ढांचा तैयार होने से निर्माण कार्यों में और भी बेहतर काम हो सकेंगे. इसी सोच के साथ इस प्रस्ताव को तैयार किया गया है जिसपर अंतिम निर्णय शासन को लेना है.
समीर सिन्हा, वन विभाग के प्रमुख वन संरक्षक
बता दें उत्तराखंड वन विभाग में निर्माण कार्यों को लेकर अक्सर कई तरह की शिकायतें आती रही हैं. इस दौरान DPR की लागत भी काफी ज्यादा होने की बात सामने आई है. अब निर्माण कार्यों को लेकर एक नई विंग बनाने की कोशिश हो रही है. जिसका फायदा वन विभाग को मिलेगा.
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