Junior Wimbledon final 2025: भारतीय मूल के अमेरिकी टेनिस स्टार रोनित कार्की इन दिनो काफी चर्चे में हैं. जिसकी वजह उनका जूनियर विंबलडन 2025 में शानदार प्रदर्शन करना है. 17 वर्षीय रोनित अब जूनियर विंबलडन 2025 के फाइनल में पहुंच गए हैं. उन्होंने शुक्रवार, 11 जुलाई को सेमीफाइनल में बुल्गारिया के अलेक्जेंडर वासिलेव से पहला सेट 7-5 से हारने के बाद लगातार दो सेट 6-4 और 6-1 से जीतकर फाइनल में धमाकेदार एंट्री मारी है.
जूनियर विंबलडन 2025 का फाइनल
अब खिताबी मुकाबले में रोनित का सामना बुल्गारिया के ही 16 वर्षीय इवान इवानो से होगा. ये मैच कल यानी रविवार, 13 जुलाई को खेला जाएगा. भारतीय फैंस रोनीत की जीत की दुआ करेंगे क्योंकि उनका नाता भारत के उत्तराखंड से भी है. खास बात ये है कि रोनित कार्की 12 वीं कक्षा के छात्र हैं और वो विश्व जूनियर टेनिस फेडरेशन में 51 वीं रैंक पर हैं. उन्होंने जूनियर विंबलडन में क्वालीफायर राउंड मुकाबले जीतकर टूर्नामेंट में कदम रखा था. बता दें कि जूनियर विंबलडन चैंपियनशिप 14 से 18 वर्ष के खिलाड़ियों के बीच खेली जाती है.
QUALIFIER RONIT KARKI 🇺🇸 CONTINUES STAGGERING WIMBLEDON RUN 😯
The 17 year old pulled off yet another upset, beating Junior World No.10 Alexander Vasilev
He will take on Junior World No.6 and ATP #798 Ivan Ivanov 🇧🇬 in the final
[SF] (Q) Ronit Karki (🇺🇸; 52J, ATP UNR) d. (12)… pic.twitter.com/ZzgWjnP5Rl
— Indian Tennis Daily (ITD) (@IndTennisDaily) July 11, 2025
रोनित का भारत से है खास नाता
अमेरिका के लिए खेलने वाले रोनित कार्की का परिवार का तआल्लुक उत्तराखंड के पंगखू के जाबुका गांव से है. रोनित के पिता त्रिलोक सिंह कार्की और माता कंचन कार्की पेशे से इंजीनियर हैं. जो अमेरिका चले गए थे, और वहीं रोनित का जन्म हुआ. जहां वो पले बढ़े और अब 17 साल की उम्र में ही विंबलडन में अपने देश और गांव का नाम रोशन कर रहे हैं.
रोनित कार्की का टेनिस में प्रदर्शन
रोनित के लिए 2025 साल काफी शानदार रहा है. उन्होंने जनवरी 2025 में आईटीएफ जूनियर जे 300 बैरेंक्विला डबल्स का खिताब जीता. उसके बाद जून 2025 में उन्होंने जूनियर फ्रेंच ओपन के दूसरे दौर तक पहुंचे थे.
रोनित कार्की अपने परिवार के साथ (Etv bharat)
रोनित के परिवार के अमेरिका जाने की इनसाइड स्टोरी
रोनित के दादा राम सिंह कार्की दो दशक पूर्व नौकरी के लिए मुंबई चले गए थे. जहां उन्होंने ड्राइवर की नौकरी करने के कुछ साल बाद अपनी ट्रेवल एजेंसी खोल ली. उन्होंने अपने दोनों बेटों को इंजीनियर बनाया, लेकिन छोटा बेटा त्रिलोक कार्की जो रोनित के पिता हैं, इंजीनियर बनकर अमेरिका चले गए और बड़ा बेटा भरत कार्की मुंबई में ही रहते हैं, जो अपने भतीजे की कामयाबी से काफी खुश हैं और उसके खिताब जीतने के लिए प्रार्थना भी कर रहे हैं.