देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सुरक्षा में चूक मामले पर प्रमुख वन संरक्षक हॉफ ने जांच कराने के निर्देश दिए हैं. यह जांच पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ रंजन कुमार मिश्रा करेंगे. दरअसल ईटीवी भारत ने इस पूरे मामले का खुलासा किया था. इसके बाद वन विभाग से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय तक में हड़कंप मच गया था.
सीएम धामी की सुरक्षा में चूक की जांच: राजाजी टाइगर रिजर्व में नियम विरुद्ध चल रही गाड़ी के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद 6 लोगों की मौत पर अभी वन विभाग किसी निर्णय पर नहीं पहुंच पाया है. उधर अब कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में मुख्यमंत्री की सुरक्षा में चूक मामले पर भी जांच बिठा दी गई है. प्रमुख वन संरक्षक हॉफ ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि मामला बेहद गंभीर है. इसकी गंभीरता को देखते हुए फौरन इसकी जांच के आदेश दे दिए गए हैं. उम्मीद की जा सकती है कि अगले कुछ दिन में उन्हें जांच रिपोर्ट सौंप दी जाएगी.
आज कार्बेट नेशनल पार्क (रामनगर, नैनीताल) में जंगल सफारी के दौरान वन्यजीवन की अद्भुत और रोमांचकारी झलक देखने को मिली। जैव विविधता के बीच यह अनुभव प्रकृति की अनमोल विरासत से जुड़ने का अवसर बना। pic.twitter.com/9Zrf101a7k
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) July 6, 2025
पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ रंजन कुमार मिश्रा करेंगे जांच: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में मुख्यमंत्री की सुरक्षा चूक प्रकरण की जांच पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ रंजन कुमार मिश्रा को दी गई है. उधर एक दिन पहले ही प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने भी इस प्रकरण का संज्ञान ले लिया था. जाहिर है कि इस मामले के मुख्यमंत्री से जुड़ा होने के चलते प्रकरण को कोई भी हल्के में नहीं लेना चाहता. खबर है कि रंजन कुमार मिश्रा, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में डायरेक्टर द्वारा चलाई जा रही इस जिप्सी की स्थिति की जांच करेंगे और उसके बाद अपनी रिपोर्ट उच्च स्तर पर सौंपेंगे.
हमारी सरकार के निरंतर प्रयासों से आज राज्य में जंगल सफारी पर्यटन को एक नई पहचान मिली है। देश-विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक उत्तराखण्ड आ रहे हैं, जिससे न केवल राज्य की पर्यटन अर्थव्यवस्था को बल मिला है, बल्कि लोगों के लिए भी आजीविका और स्वरोजगार के नए द्वार खुल रहे हैं। pic.twitter.com/cEqHiaezTo
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) July 6, 2025
विभाग फिटनेस ना कराने की बात मान चुका तो PCCF वाइल्डलाइफ किस बात की करेंगे जांच?
विभागीय मंत्री सुबोध उनियाल पहले ही यह बात मान चुके हैं कि मुख्यमंत्री जिस गाड़ी पर सवार थे, उसकी फिटनेस समय पर नहीं कराई गई थी. ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि आखिरकार पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ किस बात की जांच करेंगे. इससे पहले भी राजाजी टाइगर रिजर्व में जांच के नाम पर करीब डेढ़ साल बीत चुके हैं. नतीजा सिफर ही रहा है. तब भी दुर्घटना में घायल चिकित्सक पर ही सवाल उठा दिए गए थे. ऐसे में इस जांच में जिम्मेदार बड़े अधिकारी तक कलम चलाई जा सकेगी, यह अभी भविष्य के गर्भ में है.
इस अवसर पर ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत वन विभाग की टीम, स्थानीय समुदाय और पर्यावरण प्रेमियों के सहयोग से 1000 से अधिक पेड़ों का सामूहिक रोपण किया गया। यह केवल एक पेड़ लगाने की क्रिया नहीं बल्कि प्रकृति और मातृत्व के प्रति सम्मान का भावपूर्ण प्रतीक है। साथ ही वन विभाग की… pic.twitter.com/XMxhuzpQYH
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) July 6, 2025
जानें क्या है पूरा मामला: रविवार 6 जुलाई 2025 को सीएम धामी ने नैनीताल जिले में स्थित कॉर्बेट टाइगर रिजर्व का भ्रमण किया था. सीएम धामी जिप्सी में सवार होकर सैर पर गए थे. सीएम के साथ जिप्सी में कॉर्बेट पार्क के निदेशक साकेत बडोला भी सवार थे. चौंकाने वाली बात ये है कि जिस जिप्सी पर सीएम धामी सवार होकर कॉर्बेट सफारी पर निकले थे, उसका सेफ्टी ऑडिट ही नहीं हुआ था. सबसे बड़ी बात ये है कि इस जिप्सी की फिटनेस 22 अगस्त 2020 को एक्सपायर हो चुकी थी. यानी 5 साल पहले जिस जिप्सी की फिटनेस एक्सपायर हो चुकी थी, उसमें सीएम धामी को जंगल सफारी कराई गई. इस खबर के फैलते ही हड़कंप मच गया.
ये भी पढ़ें: सीएम धामी की सुरक्षा में बड़ी चूक, वन विभाग ने पुराने हादसे से भी नहीं लिया सबक? जानिए पूरा मामला