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ब्राजील: ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने वैश्विक संस्थानों में व्यापक सुधार पर दिया जोर


रियो डी जेनेरियो: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में आयोजित 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल हुए. पीएम मोदी ने यहां ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा से हाथ मिलाया और गले मिले. साथ ही उन्होंने ब्रिक्स देशों के नेताओं के साथ ग्रुप फोटो खिंचवाई.

इसके बाद वैश्विक शासन पर ब्रिक्स सत्र में बोलते हुए पीएम मोदी ने 17वें ब्रिक्स समिट के शानदार आयोजन के लिए राष्ट्रपति लूला का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा, ब्राजील की अध्यक्षता में ब्रिक्स के अंतर्गत हमारे सहयोग को नई गति और उर्जा मिली है. जो नई ऊर्जा मिली है – वो espresso नहीं, double espresso shot है ! इसके लिए मैं राष्ट्रपति लूला की दूरदर्शिता और उनकी अटूट प्रतिबद्धता की सराहना करता हूं. इंडोनेशिया के ब्रिक्स परिवार से जुड़ने पर मैं अपने मित्र, राष्ट्रपति प्रबोवो को भारत की ओर से बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देता हूं.”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ग्लोबल साउथ अक्सर दोहरे मापदंडों का शिकार रहा है. चाहे विकास की बात हो, संसाधनों का वितरण हो, या सुरक्षा से जुड़े विषय हों, ग्लोबल साउथ के हितों को प्राथमिकता नहीं मिली है. जलवायु वित्त (Climate finance), सतत विकास (sustainable development), और तकनीक तक पहुंच जैसे विषयों पर ग्लोबल साउथ को अक्सर सांकेतिक इशारे (token gestures) के अलावा कुछ नहीं मिला.

उन्होंने आगे कहा, 20वीं सदी में बने ग्लोबल संस्थानों में मानवता के दो-तिहाई हिस्से को पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं मिला है. जिन देशों का, आज की वैश्विक अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान है, उन्हें निर्णय लेना वाले टेबल पर बिठाया नहीं गया है. यह केवल प्रतिनिधित्व का प्रश्न नहीं है, बल्कि विश्वसनीयता और प्रभावशीलता का भी प्रश्न है. बिना ग्लोबल साउथ के ये संस्थाएं वैसी ही लगती हैं जैसे मोबाइल में सिम तो है, पर नेटवर्क नहीं. यह संस्थान, 21वीं सदी की चुनौतियों से निपटने में असमर्थ हैं. विश्व के अलग-अलग हिस्सों में चल रहे संघर्ष हों, महामारी हों, आर्थिक संकट हों, या साइबर और स्पेस में नई उभरती चुनौतियां, इन संस्थानों के पास कोई समाधान नहीं है.

पीएम मोदी ने कहा, आज विश्व को नए बहुध्रुवीय और समावेशी विश्व व्यवस्था की जरूरत है. इसकी शुरुआत वैश्विक संस्थानों में व्यापक सुधारों से करनी होगी. सुधार केवल सांकेतिक नहीं होने चाहिए, बल्कि इनका वास्तविक असर भी दिखना चाहिए. शासन संरचना, मतदान अधिकार और नेतृत्व में बदलाव आना चाहिए. ग्लोबल साउथ के देशों की चुनौतियों को नीति निर्माण में प्राथमिकता देनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि ब्रिक्स का विस्तार, नए मित्रों का जुड़ना, इस बात का प्रमाण है कि ब्रिक्स एक ऐसा संगठन है, जो समय के अनुसार खुद को बदलने की क्षमता रखता है. अब यही इच्छाशक्ति हमें यूएन सुरक्षा परिषद, WTO और बहुपक्षीय विकास बैंक्स जैसे संस्थानों में सुधारकों के लिए दिखानी होगी. AI के युग में, जहां हर हफ्ते टेक्नॉलजी अपडेट होती है,ऐसे में वैश्विक संस्थानों का 80 वर्ष में एक बार भी अपडेट न होना स्वीकार्य नहीं है. 21वीं सदी के सॉफ्टवेयर को 20वीं सदी के टाइप-राइटर (type-writers) से नहीं चलाया जा सकता!

उन्होंने कहा, भारत ने सदैव, अपने हितों से ऊपर उठकर मानवता के हित में काम करना, अपना दायित्व समझा है. हम ब्रिक्स देशों के साथ मिलकर, सभी विषयों पर, रचनात्मक योगदान देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं.

इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर लिखा, “रियो डी जेनेरियो में इस वर्ष के ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा के प्रति आभारी हूं. ब्रिक्स आर्थिक सहयोग और वैश्विक भलाई के लिए एक शक्तिशाली ताकत बना हुआ है.”

प्रधानमंत्री मोदी का रियो डी जेनेरियो में भारतीय समुदाय ने गर्मजोशी से स्वागत किया. पीएम मोदी ने पारंपरिक प्रार्थना गीतों का संगीतमय प्रदर्शन भी देखा. भारतीय समुदाय के लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की थीम पर पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत किया.

एक्स पर अपनी भावनाओं को साझा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह प्रवासी भारतीयों के भारतीय संस्कृति से जुड़ाव को देखकर आश्चर्यचकित हैं. पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, “ब्राजील के भारतीय समुदाय के लोगों ने रियो डी जेनेरियो में बहुत ही शानदार स्वागत किया. यह आश्चर्यजनक है कि वे भारतीय संस्कृति से कैसे जुड़े हुए हैं और भारत के विकास के बारे में भी बहुत भावुक हैं!”

ब्राजील पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री ने एक्स पर लिखा, “ब्राजील के रियो डी जेनेरियो पहुंच गया हूं, जहां मैं ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लूंगा और बाद में राष्ट्रपति लूला के निमंत्रण पर राजकीय यात्रा के लिए ब्रासीलिया जाऊंगा. इस यात्रा के दौरान उत्पादक बातचीत की उम्मीद है.”

रियो डी जेनेरियो में 17वें ब्रिक्स नेताओं के शिखर सम्मेलन (6-7 जुलाई) के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी शांति और सुरक्षा, बहुपक्षवाद को मजबूत करने, कृत्रिम बुद्धिमत्ता के जिम्मेदार उपयोग, जलवायु कार्रवाई, वैश्विक स्वास्थ्य और आर्थिक और वित्तीय मामलों सहित प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे.

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