देहरादून: एसटीएफ की टीम ने LOC (Look Out Circular) के तहत कार्यवाही करते इंटरेस्ट साइबर फ्रॉड केस में गिरोह का मास्टरमाइंड आरोपी को दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया. आरोपी पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट है. उसने करीब 35-40 शेल कंपनियां बनाई गईं थी. जिनमें से 13 कंपनियां उसके खुद के नाम पर हैं. 28 कंपनियां अपनी पत्नी के नाम पर रजिस्टर्ड करवाई हैं.
इन कई कंपनियों में सह-निर्देशक चीनी नागरिक हैं. कंपनियों के नाम पर खातों में करीब 750 करोड़ से अधिक की संदिग्ध धनराशि का लेनदेन हुआ है. साथ ही कंपनी की आड़ में 15 से अधिक फर्जी लोन एप्स (Inst Loan, Maxi Loan, KK Cash,RupeeGo, Lendkar, आदि) के माध्यम से करोड़ो की अवैध वसूली कर आम जनता को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया. संगठित साइबर गिरोह पीड़ितों को नकली लोन ऐप्स के माध्यम से जल्द लोन का लालच देकर मोबाइल एक्सेस प्राप्त करता है. पीड़ितों के मोबाईल गैलरी, कॉन्टैक्ट्स और निजी डेटा चुराकर ब्लैकमेलिंग और धमकी ठग का काम करता था.
बता दें राष्ट्रीय स्तर पर अलग-अलग फर्जी लोन ऐप्स के माध्यम से भारत के नागरिकों के साथ धोखाधड़ी और उत्पीड़न और जबरन मोटी धनराशि वसूलने के खिलाफ दिसम्बर 2022 में दर्ज कराया गया. जिसमें गिरोह ने प्रदेश और भारत के नागरिकों के साथ पहले वीडियो कॉल के माध्यम से संपर्क कर फर्जी लोन ऐप्स जैसे Inst Loan, Maxi Loan, KK Cash, Rupee Trip आदि के ज़रिए पीड़ितो को कम दस्तावेजों में जल्द लोन देने का लालच देकर ऐप इंस्टॉल करवाया जाता है. जिससे उन्होंने पीड़ितों के मोबाइल डिवाइस का एक्सेस प्राप्त करके और उसकी गैलरी, कॉन्टैक्ट्स और अन्य निजी डेटा चुराकर आरोपी अत्यधिक ब्याज, पेनल्टी और जुर्माने की मांग करते हुए धमकी भरे मैसेज भेजे जाता थे. व्हाट्सएप कॉल करके और पीड़ित की तस्वीरें एडिट कर वायरल करने की धमकी देते थे. जिससे पीड़ित मानसिक रूप से प्रताड़ित और सामाजिक बदनामी के डर से बार-बार पैसे देते थे, लेकिन खुद के साथ हो रही ब्लैकमेलिंग और सामाजिक उत्पीड़न का अंदेशा नहीं हो पाया. जिससे पीड़ितों द्वारा अलग-अलग बैंक खातों में करोड़ों रुपए ट्रांसफर किए गए. आरोपियों ने धोखाधड़ी से प्राप्त धनराशि को अलग-अलग चीनी बैंक खातों में प्राप्त कर धनराशि को चीनी आधारित अन्य बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया जाता था.
मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस टीम ने जांच के दौरान जानकारी मिलने के बाद फर्जी लोन ऐप्स चलाने वाले मास्टरमाइंड अभिषेक अग्रवाल निवासी वेस्ट दिल्ली को चिन्हित करते हुए आरोपी की तलाश की. साइबर टीम ने विधिक प्रावधानों के अन्तर्गत आरोपी अभिषेक अग्रवाल की तलाश की. विदेश में होने के कारण आरोपी के खिलाफ पहले में LOC (Look Out Circular) जारी किया गया. इसी क्रम में आरोपी अभिषेक अग्रवाल को दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया.
एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया प्रारम्भिक पूछताछ में आरोपी ने बड़ा खुलासा किया की वह चीनी नागरिकों का गिरोह के संपर्क में था. उसने चीनी मास्टरमाइंडों के लिए फर्जी शेल कंपनियां बनाईं. जिन पर बैंक खाते खोले गए. आरोपी पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट है. करीब 35-40 शेल कंपनियां बनाई हैं. आरोपी ने सभी कंपनियां चीनी गिरोह के लिए बनाई हैं. जिनके माध्यम से लगभग 750 करोड़ से अधिक की संदिग्ध धनराशि के ट्रांजेक्शन हुआ है.
आरोपी पहले भी कई बार विदेशी यात्रा कर चुका है. चीन, हांगकांग आदि देशों से संचालित फर्जी लोन एप्स के माध्यम से भारतीय नागरिकों को टारगेट किया. जांच में पता चला कि आरोपी के खिलाफ देश के कई राज्यों में शिकायतें दर्ज हैं. आरोपी ने कुछ चीनी नागरिकों की जानकारी दी है. जिसके सम्बन्ध में जानकारी के लिए अन्य राज्यों की पुलिस के साथ संपर्क किया जा रहा है. भारत सरकार और इंटरपोल के माध्यम से पत्राचार किया जा रहा है.
साझा किये गये चीनी नागरिकों के नाम
- Difan Wang (उर्फ @Scott Wang)
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- Wenxue Li (उर्फ @Force)