दीपक फुलेरा, खटीमा: उत्तराखंड में 5 साल पहले बंद हुई कैलाश मानसरोवर यात्रा का आगाज हो गया. जिसके तहत 45 यात्रियों का पहला जत्था टनकपुर पहुंच गया है. टनकपुर के कुमाऊं मंडल विकास निगम के अतिथि गृह पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत किया गया. यह जत्था शनिवार यानी 5 जुलाई की सुबह अगले पड़ाव के लिए पिथौरागढ़ रवाना होगा. वहीं, लंबे समय बाद शुरू हुई मानसरोवर यात्रा को लेकर यात्रियों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला.
आखिरकार कोरोना काल में बंद हुई कैलाश मानसरोवर यात्रा का उत्तराखंड में आगाज हो गया है. भारत और उत्तराखंड सरकार के प्रयासों से इस बार इस यात्रा को कुमाऊं के हल्द्वानी के काठगोदाम से शुरू ना कर सीएम पुष्कर धामी की विधानसभा चंपावत के टनकपुर से शुरू किया गया है. शिव की भक्ति से सराबोर होकर देश के विभिन्न राज्यों से कैलाश मानसरोवर यात्रा का पहला जत्था जैसे ही चंपावत के टनकपुर की धरती पर उतरा, वैसे ही उनका तिलक और माल्यार्पण कर भव्य स्वागत किया गया.
छोलिया नृत्य के साथ यात्रइयों का स्वागत (फोटो- ETV Bharat)
कुमाऊंनी संस्कृति और रीति रिवाज से स्वागत: कुमाऊं के पारंपरिक वाद्य यंत्रों ओर छोलियारों की अगवानी में उन्हें कुमाऊं मंडल विकास निगम के अतिथि गृह टनकपुर लाया गया. चंपावत डीएम मनीष कुमार और केएमवीएन के एमडी विनीत तोमर ने खुद यात्रियों की अगवानी की. भव्य स्वागत अभिनंदन को देख कैलाश मानसरोवर यात्री अभिभूत नजर आए. टीआरसी प्रबंधन ने उन्हें वेलकम ड्रिंक में बुरांश और माल्टे का जूस सर्व किया. वहीं, पहली बार काठगोदाम की जगह नए रूट टनकपुर से शुरू हुए इस मार्ग को लेकर भी तीर्थयात्री काफी रोमांचित नजर आए.

कैलाश मानसरोवर जाने वाली यात्री (फोटो- ETV Bharat)
वहीं, केंद्र और राज्य सरकार की व्यवस्थाओं व अगवानी से खुश यात्रियों ने यात्रा व्यवस्थाओं की तारीफ की. जबकि, सभी यात्रियों ने लिपुलेख मार्ग से मानसरोवर यात्रा के लिए देश के 750 लोगों में से पहले बैच में चुने जाने को शिव शंकर का आशीर्वाद माना. वहीं, पांच साल बाद इस यात्रा के शुरू होने से अपनी खुशी जाहिर कर यात्रा को हर हाल में हर साल जारी रखने की भारत सरकार से अपील भी की. यात्रियों में उत्तराखंड, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु समेत अन्य राज्यों के यात्री पहले जत्थे में टनकपुर पहुंचे.
“इस बार यात्रा मार्ग को टनकपुर से शुरू करने के पीछे कारण यही है कि देशभर से आने वाले तीर्थ यात्रियों को पूरे कुमाऊं का भ्रमण भी कराया जाए. आने वाले कुल 5 जत्थों में प्रत्येक में 40 यात्री का आंकड़ा रहेगा. पहले जत्थे में 45 यात्री उत्तराखंड पहुंचे हैं. कैलाश मानसरोवर यात्रा की शुरुआत टनकपुर से होकर वापसी अल्मोड़ा के रास्ते होगी. ताकि, देश भर के यात्री मानसरोवर दर्शन के साथ कुमाऊं के सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों को टच कर सकें.”- विनीत तोमर, एमडी, कुमाऊं मंडल विकास निगम
क्या बोले डीएम मनीष कुमार? वहीं, चंपावत जिलाधिकारी मनीष कुमार ने कैलाश मानसरोवर यात्रा के तीर्थ यात्रियों को चंपावत में बेहतर सुविधा मुहैया कराए जाने की प्रतिबद्धता की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि सीएम धामी ने इस बार चंपावत जिले से शुरू कर पर्यटन प्रदेश की अवधारणा को आगे बढ़ाने पर जोर दिया है. अब शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सभी यात्रियों को हरी झंडी दिखा कर आगे के पड़ाव के लिए रवाना करेंगे.
धर्म, आस्था, अध्यात्म से सराबोर कैलाश मानसरोवर यात्रा का एक बार फिर से शुरू होना प्रदेश के धार्मिक पर्यटन बेहतर स्वरूप में आगे बढ़ाने में संजीवनी का काम कर सकता है. देशभर से आने वाले तीर्थ यात्री कुमाऊं के नैसर्गिक सौंदर्य और धार्मिक पर्यटन से भी रूबरू होंगे. यह वजह है कि तीर्थ यात्रियों को कुमाऊं मंडल विकास निगम के माध्यम से बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने का प्रयास किया जा रहा है. उत्तराखंड की संस्कृति, प्रमुख खाद्य पदार्थों से यात्रियों को रूबरू करा बेहतरीन आतिथ्य देने का प्रयास किया गया है.
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