देहरादून (किरणकांत शर्मा): उत्तराखंड में मॉनसून की दस्तक के बाद बारिश का सबसे ज्यादा प्रभाव गढ़वाल रीजन में देखा जा रहा है. पिछले 10 दिनों की बारिश ने गढ़वाल मंडल के हर जिले को नुकसान पहुंचाया है. इतना ही नहीं, उत्तराखंड में इस बार मॉनसून ने मौसम विभाग की भविष्यवाणी को भी पूरी तरह उलट पलट दिया है. दरअसल, मौसम विभाग ने शुरुआती दौर में अनुमान लगाया था कि कुमाऊं क्षेत्र में इस बार भारी बारिश होगी, लेकिन हुआ उलट और गढ़वाल क्षेत्र में भारी बारिश ने अप्रत्याशित रूप से ‘तबाही’ मचा दी.
गढ़वाल में तबाही क्यों: इस बारिश ने चमोली, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, टिहरी और पौड़ी गढ़वाल में स्थिति सबसे गंभीर पैदा कर दी है. पिछले एक सप्ताह में बारिश और भूस्खलन की घटनाओं ने सड़कों, घरों, और बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचाया. बदरीनाथ और जोशीमठ के आसपास भारी बारिश के कारण अलकनंदा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया. बदरीनाथ हाईवे पर लामबगड़ और नंदप्रयाग के पास भूस्खलन से सड़क मार्ग बार-बार बाधित हो रहा है.
इतना ही नहीं, बीते 10 दिनों में चमोली जिले में 15 भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें से अधिकांश बदरीनाथ मार्ग पर हुईं. इसी तरह से बारिश ने गढ़वाल के ही उत्तरकाशी में खूब कहर बरपाया है. गंगोत्री और यमुनोत्री मार्ग बार-बार बाधित हो रहा है. रविवार 29 जून को हुई यमुनोत्री भूस्खलन की घटना में 4 लोग मारे गए, जबकि अभी भी 7 लापता है. उत्तरकाशी जिले में 10 भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की गईं.
क्या बोले जानकार: मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के निदेशक विक्रम सिंह का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में मॉनसून की अत्यधिक सक्रियता के कारण नम हवाएं गढ़वाल क्षेत्र में भारी बारिश का कारण बन रही हैं. यह मौसमी बदलाव अप्रत्याशित है, क्योंकि हमारा शुरुआती अनुमान कुमाऊं के लिए था. हिमाचल में अधिक बारिश ही गढ़वाल में नुकसान का कारण बन रही है, क्योंकि ये क्षेत्र हिमाचल से लगता हुआ है.
जब नेपाल की तरफ अधिक बारिश होती है तो कुमाऊं में अधिक बारिश रिकॉर्ड की जाती है. हालांकि, मॉनसून कुमाऊं की तरफ से ही आता है और अंदेशा यही रहता है कि कुमाऊं में अधिक बारिश देखने के लिए मिलेगी. अगले 5 दिन कई जिलों को बारिश से कुछ राहत मिलेगी. लेकिन 2 जुलाई को देहरादून और टिहरी जिले में तेज बारिश के आसार नजर आ रहे हैं.
– विक्रम सिंह, निदेशक, मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून –
गढ़वाल में जानमाल का नुकसान: गढ़वाल में बारिश से हुई नुकसान का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अबतक 1 जून से लेकर 30 जून तक राज्य में 20 मौतें हुई हैं. इसमें चमोली में तीन, देहरादून में तीन, हरिद्वार में दो, रुद्रप्रयाग में तीन मौत के साथ उत्तरकाशी में आठ लोगों की जान गई है. जबकि चंपावत ने 1 व्यक्ति आपदा का शिकार हुआ है.
इसी तरह से रुद्रप्रयाग में 22 छोटे-बड़े मार्ग बंद पड़े हैं. उत्तरकाशी में कई बिजली की लाइन टूट गई है. दो बड़े हाईवे के अलावा आठ मोटर मार्ग भी पूरी तरह से बंद हैं. चमोली में भी 20 मार्ग पूरी तरह से बाधित हैं. जबकि राजधानी देहरादून से लगे हुए ग्रामीण इलाकों में भी 10 मोटर मार्ग पूरी तरह से बंद हैं. टिहरी में भी 28 सड़कें फिलहाल बंद है, जिन्हें खोलने का प्रयास जारी है. जबकि कुमाऊं में टोटल बंद सड़कों की संख्या लगभग 15 के करीब है.
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