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जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान बड़ा हादसा, गुंडिचा मंदिर के बाहर भगदड़, तीन की मौत कई घायल


पुरी: ओडिशा में भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान आज तड़के दुखद घटना हुई. श्री गुंडिचा मंदिर के पास भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए अचानक बड़ी संख्या में लोग पहुंच गए जिससे अफरा-तफरी मच गई. कई लोग नीचे गिर गए और पैर से कुचले गए. इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई जिसमें 2 महिला श्रद्धालुओं शामिल हैं. इस दौरान 50 से लोग घायल हो गए. घायलों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया.

दर्शन के लिए अचानक पहुंची भारी भीड़

जानकारी के अनुसार जैसे ही रथ दर्शन के लिए खुला श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी, जिससे अफरा-तफरी और भगदड़ की स्थिति पैदा हो गई. सभी घायलों को इलाज के लिए पुरी जिला मुख्यालय अस्पताल में भर्ती कराया गया है. यह घटना उस समय घटी जब भगवान के पवित्र दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भक्तगण एकत्रित हुए.

तीन भक्तों की मौत 50 घायल

आज सुबह करीब 4.30 बजे भगवान बलभद्र, भगवान जगन्नाथ और देवी सुभद्रा के दर्शन के समय तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए. सभी घायलों को जिला मुख्यालय अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने तीन को मृत घोषित कर दिया. घायलों का इलाज चल रहा है.

मृतकों की पहचान बसंती साहू (42) खोरदा, प्रेमकांति मोहंती (78) नयापल्ली भुवनेश्वर और प्रभाती दास (52) अथंतर बालीपटना के रूप में हुई है. हालांकि सीडीएमओ बी अक्षय सतपथी ने दो लोगों की मौत और 10 लोगों के घायल होने की बात कही है, लेकिन एडिशनल एसपी सुशील मिश्रा ने हताहतों की संख्या 3 बताई है. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार 50 लोग घायल हुए हैं.

पीड़ित परिजनों ने लगाया कुप्रबंधन का आरोप

घटना के लिए कुप्रबंधन को दोषी ठहराते हुए मृतक के परिजनों ने प्रशासन और पुलिस पर अपना गुस्सा जाहिर किया. उनका आरोप है कि मदद के लिए कोई भी व्यक्ति उपलब्ध नहीं था. पारादीप के संजीव कुमार नाइक ने कहा, ‘पुलिस नजर नहीं आ रही थी और घायलों को बचाने के लिए एक भी एम्बुलेंस नहीं आ सकी. एक घंटे तक भीड़ के बीच से रास्ता निकालने के बाद अपनी पत्नी को अपनी कार में ले जाना पड़ा.’

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सारदा बाली में एकत्र हुए 30000 से अधिक लोगों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई थी, न ही एक भी पुलिस उपलब्ध थी. उन्होंने अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा, ‘मेरी पत्नी बेहोश है और मैं अपनी पत्नी को भुवनेश्वर कैपिटल अस्पताल ले जा रहा हूं.’

एक अन्य भक्त अखाया महाराणा, जिन्होंने एम्बुलेंस की अनुपस्थिति में कई रोगियों को टोटो द्वारा अस्पताल पहुंचाया. उन्होंने कहा, ‘यहां अव्यवस्था का आलम है. कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी. जैसे ही रथों से पहाड़ा खुला भगदड़ हो गई.

सस्मिता स्वैन ने कहा कि वह और उनका परिवार पहले दर्शन के लिए पूरी रात इंतजार करते रहे. जब लोगों को पता चला कि रथ दर्शन के लिए खुल गए हैं तो करीब 2000 लोग अचानक इलाके में जमा हो गए. मंदिर में सोने या बैठने के लिए भक्तों ने जो पॉलीथिन बिछाई थी, वह पैर फिसलने के कारण खतरनाक साबित हुई. लेकिन किसी ने परवाह नहीं की, कार्यालय कक्ष में बैठे लोगों ने कहा कि वे ट्रस्ट से हैं और कानून-व्यवस्था की स्थिति के लिए जिम्मेदार नहीं हैं. यह दयनीय है.

एक अन्य घायल अश्वासन जो सुभद्रा की रथ में सवार घायल थे वह भी भीड़ की चपेट में आकर नीचे गिर गए. लोगों ने उसके पैरों पर इस तरह से पैर पटक दिए कि उसकी हड्डी टूट गई. मौके पर न तो पुलिस थी, न ही एंबुलेंस, यहां तक ​​कि जिला प्रशासन का कोई भी व्यक्ति मौजूद नहीं था.

उन्होंने आरोप लगाया, ‘यह प्रशासन का कुप्रबंधन है. हमें खुद ही अस्पताल आना पड़ा. उनके परिवार का हर सदस्य घायल हुआ है. रथ यात्रा ड्यूटी पर तैनात पुलिस अधिकारी जितेंद्र देहुरी ने पोस्टमार्टम विवरण दर्ज करते हुए पुष्टि की कि तीन शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है.

ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री और एलओपी नवीन पटनायक ने इस हादसे पर दुख व्यक्त किया. उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर कहा,’मैं पुरी के सारधाबली में हुई दुखद भगदड़ में अपनी जान गंवाने वाले तीन भक्तों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं. इस विनाशकारी घटना में घायल हुए भक्तों के शीघ्र स्वस्थ होने के लिए महाप्रभु जगन्नाथ से प्रार्थना करता हूं. आज की भगदड़, रथ यात्रा के दौरान भीड़ प्रबंधन की घोर विफलता के ठीक एक दिन बाद हुई है जिसमें सैकड़ों लोग घायल हो गए थे, यह भक्तों के लिए एक शांतिपूर्ण उत्सव सुनिश्चित करने में सरकार की स्पष्ट अक्षमता को उजागर करता है.’

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