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अमेरिकी हमले के बाद क्या ईरानी न्यूक्लियर साइट से निकल रहा है रेडिएशन? परमाणु एजेंसी ने IAEA ने बताई सच्चाई


वियना: अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने पुष्टि की है कि अमेरिका की ओर से ईरान की तीन परमाणु सुविधाओं पर हाल ही में किए गए हवाई हमलों के बाद कोई असामान्य रेडिएशन लेवल दर्ज नहीं किया गया है.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में IAEA ने कहा, “ईरान में तीन परमाणु स्थलों पर हमलों के बाद – जिसमें फोर्डो भी शामिल है – IAEA पुष्टि कर सकता है कि इस समय तक ऑफ-साइट पर रेडिएश में कोई वृद्धि नहीं हुई है. आधिक जानकारी मिलने के बाद IAEA ईरान में स्थिति पर आगे का आकलन प्रदान करेगा .

अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन
IAEA का यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फहान परमाणु स्थलों को निशाना बनाकर किए गए एक बड़े सैन्य अभियान की घोषणा के बाद आया है. तेहरान ने भी इन हमलों की कड़ी निंदा की है. ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन ने हमलों को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया है.

ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन का बयान
संगठन ने कड़े शब्दों में कहा, “ईरान का परमाणु ऊर्जा संगठन महान देश को आश्वस्त करता है कि अपने दुश्मनों की दुष्ट साजिशों के बावजूद अपने हजारों क्रांतिकारी वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों के प्रयासों से वह इस राष्ट्रीय उद्योग के विकास को नहीं रोकेगा, जो परमाणु शहीदों के खून का परिणाम है.” ईरानी पक्ष ने हमलों से हुए नुकसान की सीमा का खुलासा नहीं किया.

‘अब शांति का समय है’
इससे पहले इस सैन्य कार्रवाई की घोषणा सबसे पहले डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर पोस्ट किए गए एक संदेश में की थी. ट्रंप ने लिखा, “हमने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर सफल हमला किया है, जिसमें फोर्डो, नतांज और इस्फाहान शामिल हैं. सभी विमान अब ईरान के हवाई क्षेत्र से बाहर हैं. प्राइमरी साइट फोर्डो पर बमों का पूरा पेलोड गिराया गया. सभी विमान सुरक्षित रूप से अपने घर की ओर जा रहे हैं. अमेरिकी योद्धाओं को बधाई. दुनिया में कोई और सेना नहीं है जो ऐसा कर सकती थी. अब शांति का समय है.”

ट्रंप ने बताया ऐतिहासिक क्षण
उन्होंने हमलों को अमेरिका, इजराइल और दुनिया के लिए एक ऐतिहासिक क्षण बताया और जोर देकर कहा कि ईरान को अब चल रहे संघर्ष को समाप्त करने के लिए सहमत होना चाहिए. सैन्य कदम शुक्रवार को ट्रंप द्वारा की गई टिप्पणियों के बाद उठाया गया है, जिसमें उन्होंने ईरान को अपने परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत की मेज पर लौटने के लिए दो सप्ताह का अल्टीमेटम दिया था.

अब तक ईरान ने अपने ‘राष्ट्रीय उद्योग’के विकास को जारी रखने की कसम खाई है, जो उसके परमाणु कार्यक्रम का संदर्भ है, और उसने अंतरराष्ट्रीय दबाव या सैन्य खतरों के सामने पीछे हटने का कोई संकेत नहीं दिया है.

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