कोलकाता, 16 जनवरी (आईएएनएस)। फ्रॉम रिबेल टू फाउंडिंग फादर : शेख मुजीबुर रहमान बुक के लेखक सैयद बदरुल अहसान ने सोमवार को कहा है कि भारत-बांग्लादेश संबंधों को और मजबूत करने के लिए तीस्ता जल मुद्दे का शीघ्र समाधान महत्वपूर्ण है। सैयद बदरुल अहसान ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार की आपत्तियों के कारण तीस्ता जल समझौता अंतिम रूप नहीं ले पा रहा है।
हालांकि, साथ ही उन्होंने स्वीकार किया कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों को देखते हुए बांग्लादेश में बुद्धिजीवी समाज को उम्मीद है कि जल मसझौता गतिरोध का जल्द खत्म हो जाएगा।
उन्होंने कहा, समझौता हासिल करने के लिए एक स्टेट-टू-स्टेट की बातचीत चल रही है। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के बीच संबंध बेहद सौहार्दपूर्ण हैं। उस आधार पर, तीस्ता जल मुद्दे के त्वरित समाधान के बारे में अभी भी उम्मीदें बनी हुई हैं।
बांग्लादेश में दिसंबर 2023 और जनवरी 2024 के बीच होने वाले आम चुनावों पर टिप्पणी करते हुए अहसान ने कहा, आगामी चुनावों में आर्थिक विकास, भ्रष्टाचार और कानून का शासन प्रमुख मुद्दे होंगे। अहसान का कहना है कि बांग्लादेश के लोगों के बीच शेख हसीना की लोकप्रियता बनी हुई है, लेकिन सवाल पहले से ही पूछे जा रहे हैं कि आगे चलकर उनका उत्तराधिकारी कौन होगा।
उन्होंने कहा, भारत में भी एक समय सवाल था कि जवाहरलाल नेहरू के बाद कौन? इसी तरह बांग्लादेश में भी सवाल है कि शेख हसीना के बाद कौन?
–आईएएनएस
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